जिस मुलाकात का पूरी दुनिया को इंतजार था वो आज हो ही गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन सिंगापुर में ऐतिहासिक शिखर वार्ता के लिए मिले. इस बैठक का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना और कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण है. ट्रंप और किम के बीच यह मुलाकात सिंगापुर के लोकप्रिय पर्यटन स्थल सेंटोसा के एक होटल में हुई.
अमेरिका के साथ नए रिश्ते
यह पहली शिखर वार्ता ट्रंप और किम के बीच कभी बेहद तल्ख रहे रिश्तों को भी बदलने वाली साबित होगी. वार्ता की पूर्व संध्या पर अमेरिका ने ‘‘पूर्ण, सत्यापित और अपरिवर्तनीय’’ परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को ‘विशिष्ट’ सुरक्षा गारंटी की पेशकश की थी. व्हाइट हाउस ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्ट्रपति ट्रंप और किम के बीच पहले अकेले बैठक होगी जिसमें सिर्फ अनुवादक मौजूद रहेंगे. अमेरिका ने इस बात पर जोर दिया है कि उसे कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं है.
इतिहास रचने का मौका
उत्तर कोरिया की आधिकारिक संवाद समिति ने रविवार को कहा था कि किम वार्ता के दौरान ‘परमाणु निरस्त्रीकरण’ और ‘स्थायी शांति’ के लिए बातचीत को तैयार हैं. ट्रंप ने शनिवार को कहा था कि किम के पास इतिहास रचने का एक मौका है. ट्रंप मंगलवार शाम ही सिंगापुर से रवाना हो जाएंगे.
US President Donald Trump meets North Korean leader Kim Jong Un at Sentosa Island ahead of their summit #Singapore pic.twitter.com/4fzTvW3Ggd
— ANI (@ANI) June 12, 2018
किम को सता रहा है इस बात का डर
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पाम्पिओ के अनुसार,अमेरिका परमाणु निरस्त्रीकरण के बदले उत्तर कोरिया को एक ‘बहुत विशेष’ सुरक्षा आश्वासन देगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका पूर्ण निरस्त्रीकरण से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेगा. कुछ विशेषज्ञ इस बैठक को ‘सांकेतिक’ करार दे रहे हैं. उत्तर कोरिया ने कोरियाई प्रायद्वीप पर पूरी तरह निरस्त्रीकरण करने की बात मानी है और पहले ही अपने परमाणु स्थल को ध्वस्त कर दिया है. अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया संपूर्ण निरस्त्रीकरण करे, वहीं किम को डर है कि सभी परमाणु हथियारों को नष्ट करने के बाद अमेरिका उस पर हमला कर सकता है.