सिंध में हिन्दुऒ की हलाकत बहीमाना कार्रवाई , इंसानी हुक़ूक़ कमीशन

ईस्लामाबाद 11 नवंबर ।( पी टी आई ) सूबा सिंध में ईद-उल-अज़हा के मौक़ा पर तीन हिन्दू भाईयों के अन्दोहनाक क़तल से ये साफ़ ज़ाहिर है कि क़ातिलों ने ये कार्रवाई महिज़ इस लिए की कि वो ग़ैरमुस्लिम थी।

हक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन बराए पाकिस्तान ने ये बात कही। तीन भाईयों के क़तल ने जो तमाम डॉक्टर्स थे अक़ल्लीयती हिन्दू फ़िर्क़ा में तशवीश की लहर पैदा कर दी है ।

मौसूला इत्तिलाआत के मुताबिक़ ज़िला शिकारपुर में एक मुस्लिम लड़की के मसले पर हिन्दुऒ और मुस्लमानों के दरमयान तनाज़ा खड़ा होगया जिस के बाद नामालूम मुसल्लह अफ़राद ने इन तीनों को गोली मारकर हलाक करदिया। हक़ूक़-ए-इंसानी कमीशन बराए पाकिस्तान के सदर नशीन ज़ुहरा यूसुफ़ ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा कि इस वाक़िया पर कमीशन को बेहद तशवीश है और हिंद-ओ-फ़िरक़े में पाई जाने वाली ब्रहमी का बख़ूबी अंदाज़ा है ।

पुलिस इन हलाकतों को रोकने या क़ातिलों को गिरफ़्तारी करने में नाकाम रही जबकि सूरत-ए-हाल की संगीनी से पहले ही पुलिस को वाक़िफ़ करवाया जा चुका था । ब्यान में कहा गया कि शिकारपुर के हिन्दू फ़िरक़े को इस तनाज़ा के बाद नामालूम फ़ोन कालिस मौसूल होरहे थे जिस में संगीन अवाक़िब-ओ-नताइज की धमकी दी जा रही थी ।

हिन्दुऒ ने फ़ौरी पुलिस से तहफ़्फ़ुज़ तलब किया लेकिन अमली इक़दामात नहीं किए गए । इस के बरअक्स इन तीन अफ़राद का मुक़ामी पुलिस स्टेशन से चंद मीटर के फ़ासले पर क़तल करदिया गया । कमीशन ने कहा कि हिन्दुऒ में ये एहसास पाया जाता है कि जब कभी उन के फ़िर्क़ा को निशाना बनाया जाता है तो पुलिस मुतास्सिरीन के बजाय मुजरिमीन का तआवुन क्या करती है ।

इस दौरान अमरीका ने तीन हिन्दुऒ की हलाकत की सख़्त मुज़म्मत करते हुए ज़िम्मा दारान को इंसाफ़ के कठहरे में ला खड़ा करने का मुतालिबा किया। स्टेट डिपार्टमैंट ने एक ब्यान में कहा कि हम किसी भी तरह की मज़हबी , नसली और अक़ल्लीयतों के ख़िलाफ़ तशद्दुद की सख़्त मुज़म्मत करते हैं ।