सिख दंगा के मुतास्सिरों को 5-5 लाख रूपए

मरकज़ी हुकूमत ने एक बडा फैसला लेते हुए 1984 के सिख मुखालिफ दंगे में मारे गए लोगों के घरवालों को मुआवज़ा देने का ऐलान किया है। हुकूमत मुल्क भर में सिख मुखालिफ दंगों के दौरान मारे गए 3,325 लोगों के घरवालों को पांच लाख रूपये देगी। मोदी सरकार ने 31 अक्टूबर 1984 को सिख बाडी गार्ड की तरफ से वज़ीर ए आज़म इंदिरा गांधी के कत्ल के बाद मुल्कभर में फैले सिख मुखालिफ दंगों की 30वीं बरसी से ठीक एक दिन पहले इस बडे फैसले का ऐलान किया है।

दिल्ली में विधानसभा इंतेखाबात के इम्कान के मद्देनजर केंद्र की बीजेपी सरकार के इस फैसले के सियासी मतलब भी निकाले जाने लगे हैं।बता दें कि सिख मुखालिफ दंगों के सबसे ज्यादा मुतास्सिरा दिल्ली में ही हैं। दिल्ली में सिख मुखालिफ दंगों में 2,733 लोग मारे गए थे। इस सिलसिले में 3163 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

गिरफ्तार लोगों में से सिर्फ 442 को जुर्म का मुजरिम करार दिया जा सका है। मरकज़ी हुकूमतने सिख दंगों की जांच के लिए वक्तन फवक्तन कई कमीशन बनाए। 26 अप्रैल 1985 को जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमिशन की तश्कील की गयी। इसके बाद दिल्ली सरकार ने कपूर-मित्तल कमिटी, जैन-अग्रवाल कमिटी, नानावटी कमिशन और आरके आहूजा कमिटी समेत 10 कमीशन तश्कील किए। सभी कमीशनों ने बारी-बारी से सिख मुखालिफ दंगों की जांच की। सिख मुखालिफ दंगों को लेकर कांग्रेस हमेशा से ही सिख फिर्के के निशाने पर रही है। साबिक वज़ीर ए आज़म मनमोहन सिंह ने भी इन दंगों के लिए माफी मांगी थी।