सिख बिरादरी ने आज कांग्रेस नायब सदर राहुल गांधी के ख़िलाफ़ उनके इस बयान पर कि 1984 के सिख मुख़ालिफ़ फ़सादात में कांग्रेस मुलव्वस नहीं थी, ज़बर्दस्त एहतजाजी मुज़ाहरा किया।
राहुल गांधी की रिहायश गाह के बाहर उन्होंने पोस्टर्स और स्याह परचमों के साथ नारेबाज़ी की और पुलिस के साथ उस वक़्त झड़पें भी हुईं जब उन्होंने रुकावटों को तोड़ने की कोशिश की। दिल्ली सिख गुरुद्वारा मनिजमेंट कमेटी (DSGMC) मनजीत सिंह जी ने कहा कि हम राहुल गांधी से उन अफ़राद के नाम जानना चाहते हैं जो सिख मुख़ालिफ़ फ़सादात में मुलव्वस थे और ये भी जानना चाहते हैं कि उनके ख़िलाफ़ कांग्रेस ने क्या कार्रवाई की?
सारा मुल्क जानता है कि सिख मुख़ालिफ़ फ़सादात में कांग्रेस का हाथ था लिहाज़ा अब वक़्त आगया है कि राहुल गांधी ख़ातियों का नाम ज़ाहिर करें। याद रहे कि पीर के रोज़ एक टेलीविज़न चैनल को इंटरव्यू देते हुए राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि कांग्रेस ने फ़सादात पर क़ाबू पाने की कोशिश की थी लेकिन सिख फ़सादात पर उन्होंने माज़रत ख़्वाही का इज़हार नहीं किया।
उन का कहना है कि उस वक़्त वो (राहुल) फ़सादात का हिस्सा नहीं थे क्योंकि उस वक़्त वो बहुत छोटे थे और स्कूल जाया करते थे लेकिन उस वक़्त की हुकूमत ने फ़सादात पर क़ाबू पाने की कोशिश ज़रूर की थी। 31अक्टूबर 1984 उस वक़्त की वज़ीर-ए-आज़म इंदिरा गांधी के अपने ही दो सिख बॉडी गार्ड्स के हाथों क़त्ल के बाद सिख मुख़ालिफ़ फ़सादात फूट पड़े थे जिन में तक़रीबन 3000 सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया था।