सिख शख़्स ने फ़्रांस केख़िलाफ़ केस जीत लिया

वाशिंगटन, 14 जनवरी (पी टी आई) अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की राईट्स बॉडी ने ये नतीजा अख़ज़ किया है कि फ़्रांस ने एक 76 साला सिख शख़्स की मज़हबी आज़ादी की ख़िलाफ़वरज़ी की जब इस से अपनी शनाख़ती तस्वीर के लिए अपनी पगड़ी निकालने केलिए कहा गया, अमरीका नशीन सिख ग्रुप ने ये बात कही है।

सिख हुक़ूक़ के इदारा यूनाईटेड सिख ने रणजीत सिंह की तरफ़ से एक मुरासला डिसमबर 2008-में अक़वाम-ए-मुत्तहिदा इंसानी हुक़ूक़ कौंसल (यू एन ऐच आर सी) को भेजा था। रणजीत अपनी ख़राबी सेहत के बावजूद 2005-से सरकारी निज़ाम निगहदाशत सेहत या समाजी फ़वाइद से इस्तिफ़ादा से क़ासिर था क्योंकि इस के अपनी पगड़ी निकालने से इनकार के सबब उस की क़ियामगाह का कार्ड जारी नहीं किया गया था।

यूनाईटेड सिख ने एक ब्यान में कहा कि यू एन ऐच आर सी ने अपना तास्सुर ज़ाहिर किया कि अगर शनाख़ती तस्वीर केलिए पगड़ी निकालने की शर्त को एक वक़्ती ज़रूरत भी क़रार दिया जाता तो भी अमलन ये शिकायत कनुंदा की आज़ादी-ए-मज़हब में मुतवातिर मुदाख़िलत होगी क्योंकि वो शनाख़ती तस्वीर में हमेशा अपनी मज़हबी पगड़ी के बगै़र ज़ाहिर होगा और इस लिए जब जब शनाख़ती चैकिंग हो उसे अपनी पगड़ी निकालने पर मजबूर किया जा सकता है।