बी जे पी ने आज सितार गंज ज़िमनी इंतिख़ाबात के लिए उत्तराखंड के वज़ीर-ए-आला विजय बहू गुना के मुक़ाबले प्रकाश पंत को मैदान में उतारा है। सदर बी जे पी नितिन गडकरी ने पंत के नाम को क़तईयत दी।
क़ब्लअज़ीं ( इससे पहले) पार्टी की उत्तराखंड रियास्ती इलेक्शन कमेटी ने उन के नाम की सिफ़ारिश की थी जिस में प्रकाश पंत के इलावा दीगर ( अन्य) दो नाम भी शामिल थे। याद रहे कि प्रकाश पंत बी जे पी की गुज़श्ता हुकूमतों के दौरान वज़ीर भी रह चुके हैं, को मार्च में पिथोरागढ़ (Pithoragarh) असेंबली इंतिख़ाबात में शिकस्त ( हार) का मुंह देखना पड़ा था।
दूसरी तरफ़ वज़ीर-ए-आला विजय बहू गुना जो अब तक टिहरी से लोक सभा के रुकन ( सदस्य) थे, सितार गंज ज़िमनी इंतिख़ाबात कांग्रेसी उमीदवार की हैसियत से लड़ रहे हैं जिसके लिए उन्हों ने 14 जून को अपने काग़ज़ात-ए-नामज़दगी भी दाख़िल किए थे।
समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और उत्तराखंड क्रांति दल ने विजय बहू गुना के मुक़ाबले में किसी उमीदवार को मैदान में नहीं उतारा है। ज़िमनी इंतिख़ाबात 8 जुलाई को मुनाक़िद शुदणी ( आयोजित) हैं और इनकी ज़रूरत इसलिए पेश आई क्योंकि गुज़श्ता माह बी जे पी लेजिसलेचर किरण मंडल ने इस्तीफ़ा दे दिया था।
2001 में उतराँचल की तशकील (रचना/ निर्माण) के बाद जो अब उतराखंड है, प्रकाश पंत को नई रियासत की असेंबली का पहला स्पीकर मुक़र्रर किया गया था। 2002 और 2007 में पिथोरागढ़ (Pithoragarh) नशिस्त ( सीट) के लिए मुंतख़ब ( निर्वाचित) होने के बाद मिस्टर पंत को 2008 में एक हाउस कमेटी ने उत्तराखंड असेंबली का क़ाबिल तरीन एम एल ए क़रार दिया था।
उस वक़्त प्रकाश पंत के पास वज़ारत पारलीमानी उमोर(parliamentary affairs minister) का क़लमदान भी था। 8 जुलाई को मुनाक़िद शुदणी ज़िमनी इंतिख़ाबात ( आयोजित उप चुनाव) के लिए मुहिम ( योजना) का आग़ाज़ ( शुरुआत) अनक़रीब होने वाला है।
यहां इस बात का तज़किरा ज़रूरी है कि पहले पहल विजय बहू गुना इंतिख़ाबात लड़ने के लिए तैयार नहीं है और आख़िरी वक़्त तक ये पता नहीं चल रहा था कि आया वो अपने पर्चा नामज़दगी दाख़िल करेंगे या नहीं लेकिन उन्होंने बिलआख़िर अपने नाम का ऐलान करते हुए इंतिख़ाबी ( चुनावी) मुक़ाबले को दिलचस्प बना दिया ।