कोलकाता। नेताजी इंडोर स्टेडियम में आयोजित 22वें कोलकाता इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टीवल के उद्घाटन कार्यक्रम में बॉलीवुड के बादशाह अमिताभ बच्चन ने हिंदी सिनेमा की लंबी यात्रा का जिक्र करते हुए महिलाओं के अधिकार व उनके सशक्तीकरण की बात की। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इस महान कलाकार का कहना है कि हिंदी सिनेमा ने जहां पूरे विश्व में कई मुद्दों को उठाया है, वहीं सिनेमा ने महिला सशक्तीकरण को एक बल दिया है। महिलाओं की समस्याओं पर कई फिल्में बनी हैं, जिनसे एक सामाजिक चेतना जाग्रत हुई है।
स्वामी विवेकानंद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं को शिक्षित किये बिना कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता है। बंगाल में कई देवियों की पूजा होती है। यहां की कला व संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह देखकर मुझे बहुत खुशी हुई कि यहां की मुख्यमंत्री ने एक फ्लाईओवर का नाम मां फ्लाईओवर रखा है।
80 व 90 के दशक की फिल्मों का उदाहरण देते हुए अमिताभ ने कहा कि फिल्म कस्तूरी, अछूत कन्या, सुजाता, गाइड, तीन कन्या, बंगला फिल्म घोरे बाहिरे, चोखेर बाली, परमा के जरिये महिला पात्रों ने पुरानी सामाजिक मान्यताओं को तोड़ कर एक नयी पहचान बनाने का संदेश दिया। कई फिल्मों में विधवा प्रथा को भी दिखाया गया। आज भारतीय नारी अपने दम पर आगे बढ़ते हुए आत्मनिर्भर बन रही है। फिल्म ब्लैक, पीकू, मर्दानी, नीरजा, मैरीकॉम में महिलाओं का एक नया रूप सामने लाया गया।
आज भी महिलाओं के सशक्तीकरण पर कई फिल्में बन रही हैं। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सराहना करते हुए अमिताभ ने कहा कि कन्याश्री योजना के तहत गरीब लड़कियों की शिक्षा को आगे बढ़ाया है। राज्य में शिक्षा का स्तर बढ़ा है। उद्घाटन कार्यक्रम में बालीवुड स्टार शाहरुख खान, जया बच्चन, काजोल, संजय दत्त, परिणिती चोपड़ा सहित कई टॉलीवुड स्टार मौजूद रहे।