सिपाही का खानदान ही क्यों रोता है ! शहीद की बेटी

नई दिल्ली: मरकज़ी वज़ीर ए दाखिला राजनाथ सिंह ने बुध के रोज़ मुल्क की दारुल हुकूमत दिल्ली में द्वारका के करीब तैय्यारे हादसे में मारे गए बीएसएफ के जवानों को दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट पर खिराज़ए अक़ीदत पेश कियें और उनके घरवालों को ढांढस बंधाया।

खिराज़ए अकीदत पेश करने वालों में राजनाथ सिंह के साथ रियासत के वज़ीर ए दाखिला किरण रिजिजू और हरिभाई पारथी भाई और दिल्ली के नायब गवर्नर नजीब जंग भी शामिल थे। इस दौरान राजनाथ सिंह भी ज़ज़्बात में आ गयें आज सभी शहीदों को सफदरजंग एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

पूरे एहतेराम के साथ सभी शहीदों के जसद ए खाक़ी को उनके खानदान वालों को सौंप दिया जाएगा। खिराज़ ए अकीदत बाद जब रियासत के वज़ीर हादसे के शिकार जवानों के घवालों से मिलने पहुंचे तो उन्हें उनके कुछ तीखे सवालों का सामना करना पडा, जिनका राजनाथ के पास कोई जवाब नहीं था।

एक शहीद की बेटी ने पूछा कि आखिर इतना पुराना तैय्यारा ( विमान) क्यों इस्तेमाल किया जा रहा था! उनके तैय्यारे क्यों नहीं बदले जाते! यह पुराना जहाज था। इसे नीलाम भी किया गया था।

आप मुझे जवाब दें, मुझे जवाब चाहिए सर। तभी दूसरा सवाल हुआ, एक सिपाही का खानदन ही क्यों रोता है! क्यूं सर! क्यूं ढाढस बंधाने आए! राजनाथ ने उनके सवालों का कोई जवाब तो नहीं दिया, लेकिन वह भी गमगीन दिखे। सवाल पूछने वाली लडकी हादसे में मारे गए रवींद्र कुमार की बेटी थी।

वह एयरफोर्स से बीएसएफ में आए थे।

आपको मालूम कि मंगल के रोज़ सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर बीएसएफ का चार्टर प्लेन क्रैश हो गया था जिसमें दो पायलट समेत बीएसएएफ के दस जांबाज शहीद हो गए थे। जिस वक्त यह हादसा हुआ उस वक्त दिल्ली से रांची जा रहा यह चार्टर्ड तैय्यारा इम्रजेंसी हालात में उतरने की कोशिश करते दीवार से टकराकर हादिसे का शिकार हो गया था।

इस हादसे में पायलट, सह पायलट और तीन आफीसरों समेत सवार सभी दस लोगों की मौत हो गई थी। मारे गए लोगं बीएसएफ की इंजीनियरिंग टीम के मेम्बर्स थे। मारे गए लोगों में पायलट भगवती प्रसाद भट्ट, को-पायलट- राजेश शिवरेन, डिप्टी कमांडेंट डी कुमार, इंस्पेक्टर एसएन शर्मा, इंस्पेक्टर आरके यादव, एसआई सुंदर सिंह, एसआई सीएल शर्मा, एसआई रवींद्र कुमार, एएसआई डीपी चौहान, कांस्टेबल के आर रावत हैं।