सिफ़ारतख़ाना पुर्तगाल को मुंतक़ली के लिए अब्बू सालिम की दरख़ास्त

मुजरिमीन की टोली के मुबय्यना सरग़ना अब्बू सालिम ने जो नवी मुंबई की तुलू जा जेल में गुजिश्ता माह एक क़ातिलाना हमला में बाल बाल बच गया था, आज टाडा की एक ख़ुसूसी अदालत से रुजू होते हुए उस को गोवा या दिल्ली में वाके पुर्तगाल के सिफ़ारतख़ाना को मुंतक़िल करने के लिए जेल हुक्काम को हिदायत देने की अपील की है।

अब्बू सालिम के वकील रशीद अंसारी की तरफ़ से दायर करदा दरख़ास्त में कहा गया है कि दरख़ास्त गुज़ार अब्बू सालिम को इंसाफ़ के वसीअ तर मुफ़ाद के तहत पुर्तगाल सिफ़ारतख़ाना को मुंतक़िल कर दिया जाये उसे की पुर्तगाल को हवालगी के लिए दायर करदा दरख़ास्त पर क़तई अहकाम जारी नहीं किए जाते।

अब्बू सालिम ने अपनी दरख़ास्त में कहा है कि वो किसी दूसरी जेल में भी ख़ुद को ग़ैर महफ़ूज़ तसव्वुर करता है और इस इस्तिदा करता है कि उसे किसी दूसरी जेल को मुंतक़िल ना किया जाये क्योंकि दूसरी जेलों में उस की जान को लाहक़ ख़तरात और भी संगीन होसकते हैं।

सालिम ने कहा कि तुलूजा जेल के ओहदेदारों ने उस को थाने जेल मुंतक़िल करने के अहकाम वसूल किए हैं। सालिम के मुताबिक़ वो माज़ी में कई दरख़ास्तें पेश करते हुए ये वाज़ह करचुका है कि 1993-ए-के सिलसिला वार मुंबई धमाकों के मुल्ज़िमीन मुस्तफ़ा दौसा, अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील और दूसरों से उस को मुख़्तलिफ़ जेलों में हलाकत के ख़तरात का सामना है।

दरख़ास्त में कहा गया है कि तुलूजा जेल में हमला के बाद सेक्योरिटी में इज़ाफ़ा किया गया है जहां अब मज़ीद किसी हमला का बहुत ही कम अंदेशा है।