भोपाल : भोपाल में सिमी के आठ सदस्यों की कथित मुठभेड़ में मौत पर उठ रहे सवालों के बीच उनके वक़ील ने मामले की जांच सीबीआई से कराने और इसके लिए उच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाने की बात कही है. इन अभियुक्तों के वक़ील परवेज़ आलम ने कहा, “ये मुठभेड़ फ़र्ज़ी है. मैं हाई कोर्ट जाऊंगा. इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करूंगा. पुलिसवालों को अपना सिरदर्द ख़त्म करना था, जो किया।
भोपाल की सेंट्रल जेल से इन सिमी सदस्यों के फ़रार होने और मुठभेड़ में मारे जाने के मामले पर सोमवार कल से बवाल मचा हुआ है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाए हैं.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ट्वीट किया- ”जेल से फ़रार होने वाले अपराधी चाहे कैसे भी तत्व क्यों ना हो, एक लोकतंत्र में सरकारी एजेंसियों का उन्हें इस तरह ख़त्म करना सही नहीं है. इस मामले की कार्यरत जज से जांच करानी चाहिए.”
सिंघवी ने लिखा है, ”अगर जज उन वीडियो को (जो चल रहे हैं) सही पाते हैं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफ़ा देना चाहिए.” कांग्रेस नेता और सांसद ज्योतरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया, ”मामले पर जल्द से जल्द जाँच ज़रूरी. कैदी भोपाल सेंट्रल जेल से निकलकर कैसे फरार हुए.इस भारी चूक के लिए ज़िम्मेदार कौन है?” इससे पहले कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया था कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि क्या ये लोग “सरकारी जेल से भागे या फिर किसी योजना के तहत भगाए गए.” मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह इस बारे में कुछ भी बोलने से बचते रहे.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना के बाद कहा था, ”जेल से आतंकवादियों का फरार होना गंभीर मामला है. इसलिए हमने डीआईजी जेल, जेल अधीक्षक, सहायक अधीक्षक, उप अधीक्षक को सस्पेंड करने का फैसला किया है. एडीजी जेल को अटैच कर दिया गया है. उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है.”
मुख्यमंत्री ने कहा, ”मामले की गंभीरता को देखते हुए हमने इस मामले की जांच कराने का फैसला किया है. पूर्व डीजीपी इस मामले की जांच करेंगे. जो तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाएगी.”
स्रोत : बीबीसी हिन्दी डॉट कॉम