सियासत अंग्रेज़ी हफ़त रोज़ा का आज आग़ाज़

हैदराबाद 15 अक्टूबर: अस्र-ए-हाज़िर के तक़ाज़ों को पूरा करने और हर शख़्स तक रसाई को यक़ीनी बनाने के लिए इदारा सियासत ने अंग्रेज़ी में हफ़तरोज़ा की इशाअत का फ़ैसला किया है जिसका रस्म इजरा आज 15 अक्टूबर को शाम 5:30 बजे महबूब हुसैन जिगर हाल अहाता सियासत में अमल में आएगा।

इदारा सियासत अंग्रेज़ी ज़बान में हफ़त रोज़ा की इशाअत के ज़रीया नस्ल-ए-नौ के मसाइल और उनकी ज़रूरीयात की तकमील के लिए एक नए सफ़र का आग़ाज़ करने जा रहा है जिसमें ज़िम्मेदारान सियासत को इस बात का यक़ीन-ए-कामिल हैके पिछ्ले 67 सालों से जिस तरह क़ारईन इदारा से अटूट वाबस्तगी इख़तियार किए हुए हैं इसी तरह अंग्रेज़ी हफ़तरोज़ा की भी वाबस्तगी करेंगे।

मुहम्मद महमूद अली डिप्टी चीफ़ मिनिस्टर तेलंगाना के हाथों सियासत अंग्रेज़ी हफ़तरोज़ा का रस्म इजरा अमल में आएगा। इस तक़रीब में दुसरे मोअज़्ज़िज़ीन भी मौजूद रहेंगे। ज़ाहिद अली ख़ान एडीटर रोज़नामा सियासत ने बताया कि इदारा सियासत की बुनियाद शहर हैदराबाद के अलावा साबिक़ रियासत हैदराबाद के शहरों में रहने वाले अवाम के दरमयान पैदा शूदा बेचैनी को दूर करने और उनमें हौसला पैदा करने के लिए डाली गई थी।

इस बुनियादी मक़सद को पूरा करने में आज भी सियासत दुसरे ज़राए इबलाग़ इदारों के मुक़ाबिले में मुनफ़रद मुक़ाम रखता है। ज़ाहिद अली ख़ान ने बानी सियासत आबिद अली ख़ान मरहूम और महबूब हुसैन जिगर मरहूम की दूर अंदेशी का तज़किरा करते हुए कहा कि दोनों ज़िम्मेदारान ने जो क़दम 1949 में उठाया उसके समर आवर नताइज बरामद हुए और आज वक़्त की अहम ज़रूरत को महसूस करते हुए ये फ़ैसला किया गया हैके सियासत की तरफ से अंग्रेज़ी हफ़तरोज़ा शुरू किया जाये। इस हफ़तरोज़ा की इशाअत का मक़सद समाज के हर गोशे तक रसाई को यक़ीनी बनाना और उनके मसाइल को पेश करते हुए राय आम्मा हमवार करते हुए मसाइल के हल की तरफ् तवज्जा करवाना है।

इदारा सियासत ने हमेशा ही असरी टेक्नालोजी के इस्तेमाल को तर्जीह देते हुए उर्दू ज़बान को टेक्नालोजी से मरबूत करने में अहम किरदार अदा की जिसकी मिसाल अख़बार सियासत की वैब साईट और उर्दू दुनिया के अख़बारात में पहला उर्दू ई पेपर शुरू करना है।

15 अक्टूबर बरोज़ जुमेरात शुरू किया जानेवाले अंग्रेज़ी हफ़तरोज़ा सियासत 16 अक्टूबर जुमा से चार हफ़्तों तक क़ारईन सियासत के लिए मुफ़्त दस्तयाब रहेगा और हर हफ़्ता उस की बह पाबंदी इशाअत के ज़रीये क़ारईन को सियासी मसाइल-ओ-हालात , अवामी मसाइल और उनके हल , तफ़रीह बज़रीया फ़िल्मी ख़बरें , खेल कूद , करियर गाइडेंस , क़ौमी-ओ-बैन-उल-अक़वामी सुलगते मौज़ूआत पर तबसरे हासिल होते रहेंगे। उस के अलावा हफ़तरोज़ा सियासत में सेहत , फ़ैशन और तहक़ीक़ी ख़बरों पर तबसरे भी शामिल रहेंगे जो कि क़ारईन के लिए दिलचस्पी और हक़ायक़ से आगही का बाइस बनने की उम्मीद है।