हैदराबाद 30 अप्रैल: सियासत के क़ारईन ही सियासत की रज़ाकाराना ख़िदमात की बुनियाद हैं और सियासत का हर क़ारी इदारा सियासत की रज़ाकाराना ख़िदमात में बेहतर किरदार अदा करता है।
ज़ाहिद अली ख़ां एडिटर सियासत ने आबिद अली ख़ां आई हॉस्पिटल की तीसरी मंज़िल पर शुरू करदा कपड़ा बैंक की इफ़्तेताही तक़रीब के दौरान क़ारईन सियासत को ख़िराज-ए-तहिसीन पेश करते हुए ये बात कही। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान से दूर रह कर भी मादर-ए-वतन और शहरीयों के लिए अपने दिलों में तड़प रखने वाले ग़ैर मुक़ीम हिन्दुस्तानी हैदराबादी शहरीयों की ज़रूरीयात को पूरा करने मुम्किना कोशिश करते हैं।
उन्होंने ग़ैर मुक़ीम हिंदुस्तानियों की इदारा सियासत के तवस्सुत से शहरीयों की ख़िदमत की सताइश की और कहा कि हैदराबादी ख़ाह वो अमरीका में हूँ या ख़लीजी ममालिक में अपने दिल में अपने शहर और शहरीयों के लिए तड़प रखते हैं। ज़ाहिद अली ख़ां ने बताया कि इदारा सियासत की तरफ से फै़जे आम ट्रस्ट-ओ-हेल्पिंग हैंड की इआनत से कपड़ा बैंक का आग़ाज़ अमल में लाया गया है जिसमें बिलातफ़रीक़ मज़हब हर ज़रूरतमंद शहरी को मुफ़्त कपड़े फ़राहम किए जाऐंगे।
तक़रीब में मुहम्मद फ़ारूक़ हुसैन एम एलसी, आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडिटर सियासत , वी सत्यनारायना डीसीपी साउथ ज़ोन , के बाबू राव अल-मारूफ़ अबदुर्रहमान एडिशनल डीसीपी साउथ ज़ोन, इफ़्तिख़ार हुसैन सेक्रेटरी फै़जे आम ट्रस्ट , शौकत अली मिर्ज़ा हेल्पिंग हैंड , अली मसक़ती, अमजद उल्लाह ख़ान ख़ालिद के अलावा दुसरे मौजूद थे।
ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि कैनेडा में रहने वाली हैदराबादी ख़ातून डॉ अस्कर यासमीन सिद्दीक़ी ने अपनी तंज़ीम फ़ी सबील लिल्लाह फ़ाउंडेशन के ज़रीये एक कंटेनर कपड़े बग़रज़ तक़सीम रवाना किए हैं जो ग़रीब अवाम में तक़सीम किए जाऐंगे। उन्होंने बताया कि रोटी और कपडे का इंतेज़ाम इदारा सियासत की तरफ से करने का फ़ैसला किया गया है जो कि क़ारईन सियासत की इआनत से मुम्किन बनाया जाएगा जबकि मकान की ज़िम्मेदारी हुकूमत ने ली है और उम्मीद है कि बरसरे इक़तिदार जमात ग़रीब अवाम को दो बेडरूम फ़्लैट की स्कीम से मुस्तफ़ीद करेगी।
ज़ाहिद अली ख़ां ने कहा कि आस्ट्रेलिया, अमरीका, लंदन, दुबई, सऊदी अरब के अलावा दुसरे ममालिक में रहने वाले हैदराबादी शहरीयों को भी अस्कर यासमीन सिद्दीक़ी के नक्शे क़दम पर चलते हुए ज़रूरतमंद हैदराबादी शहरीयों की मदद के लिए आगे आना चाहीए। उन्होंने बताया कि कश्मीर में सेलाब-ओ-ज़लज़ले के अलावा मुज़फ़्फ़रनगर फ़सादाद के दौरान भी अस्कर यासमीन सिद्दीक़ी ने काबिले इस्तेमाल कपड़ों के दो कंटेनर रवाना किए थे जो कश्मीर और मुज़फ़्फ़रनगर में तक़सीम किए गए। एडिटर सियासत ने बताया कि ग़रीब अवाम की जरूरतों की तकमील के ज़रीये जो अज्र हासिल होता है वो किसी और अमल से मुम्किन नहीं है