सियासत के हॉकर्स को धमकियां

हक़ की आवाज़ को दबाने और अवाम तक पहुंचाने से रोकने की साज़िशें शिद्दत इख़तियार करती जा रही हैं। अवामी ब्रहमी और मुख़ालिफ़त को देख कर मायूसी का शिकार नाम निहाद क़ियादत ने मुख़्तलिफ़ इलाक़ों में हॉकर्स को धमकाना शुरू कर दिया है ताकि अख़बार अवाम तक ना पहुंच सके।

उन्होंने हॉकर्स को धमकीयां दें और फिर 20 रुपये फ़ी अख़बार के इव्ज़ सियासत की सारी कापीयां ख़रीद लें और उसे अपने पास ज़ख़ीरा करलिया। क़ारईन के मुताबिक़ अख़बार सियासत की हक़ बयानी और हक़गोई से ख़ाइफ़ अफ़राद ही शरपसंद अनासिर की मदद से एसी ऊओछी हरकत करसकते हैं।
हलक़ा नामपली में सियासत के क़ारईन तक अख़बार नहीं पहुंचा और मुक़ामी नामपली के अवाम का कहना हैके वो फ़िरोज़ ख़ान के मुरादनगर के जलसा की सियासत में शाय ख़बर का मुताला करना चाहते थे। शरपसंद अनासिर जो फ़िरोज़ ख़ान और फ़र्हत ख़ान के कामयाब जलसों से चिराग़-ए-पा हैं अख़बार को अवाम तक पहुंचने नहीं दिया।

सियासत इंतेज़ामीया ने इस बात का सख़्त नोट लेते हुए तमाम तर एहतियाती तदाबीर और इक़दामात किए हैं। क़ारईन सियासत को इस बात का भरोसा दिलाया हैके अख़बार इंशाअल्लाह किसी रुकावट और साज़िश के बगै़र अवाम तक बह आसानी पहुंचाया जाएगा।

अवाम अपने हॉकर्स से अख़बार को बह आसानी हासिल करसकते हैं। सियासत इंतेज़ामीया ने अपने क़ारईन को इस बात की तमानीयत दी कि इनामी मुक़ाबला क़ुरआ अंदाज़ी में हिस्सा लेने वाले क़ारईन को 28 अप्रैल का कूपन ना होने पर भी क़ुरआ अंदाज़ी के लिए अहल क़रार दिया जाएगा और वो 28 अप्रैल के कूपन के बगै़र क़ुरआ अंदाज़ी में हिस्सा ले सकते हैं।

मुख़ालिफ़ीन और शरपसंद अनासिर की इन ऊओछी हरकतों से हक़ की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता और ना ही हक़ की आवाज़ को रोका जा सकता है। शहर के दुसरे मुक़ामात पर भी हॉकर्स को हिरासाँ करने और ज़ाइद क़ीमत पर ज़बरदस्ती अख़बार को ख़रीदने की साज़िश की जा रही है जिस की सख़्ती से मज़म्मत की जा रही है।