सियासी इख़तेलाफ़ात से तरक़्क़ी मुतास्सिर ना होने पाए

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अवामी नुमाइंदों को पार्टी ख़ुतूत से क़ता नज़र मौक़िफ़ इख़तियार करना होगा:स्पीकर लोक सभा

ऐसे दौर में जबकि मर्कज़ और रियासतों में मुख़्तलिफ़ सियासी जमातों ने इक़्तेदार की बागडोर सँभाल रखी है, क़ानूनसाज़ इदारों के परेसाईडिंग ऑफीसरस को ये देखना होगा कि इस इख़तेलाफ़-ए-राय से तरक़्क़ी मुतास्सिर ना होने पाए, स्पीकर लोक सभा सुमित्रा महाजन ने ये बात कही थी।

वो यहां क़ानूनसाज़ इदारों के परेसाईडिंग ऑफीसरस की दो रोज़ा कान्फ़्रेंस से मुख़ातिब थीं। उन्होंने कहा कि मेरी राय में कोई भी पार्टी तरक़्क़ी और मुल्क को आगे बढ़ाने के ख़िलाफ़ नहीं। इस सिलसिले में इख़तियार किए जाने वाले रास्ते के ताल्लुक़ से इख़तेलाफ़ात होसकते हैं, जिन को इख़तियार करते हुए मुल्क को तरक़्क़ी देने की ज़रूरत है।

हमें ये देखना होगा कि इस इख़तेलाफ़ राय का ऐसा मुज़िर असर ना हो कि हम असल मक़सद को खो दें। हमें इजतिमाई राय को मल्हूज़ रखते हुए मुल्क की तरक़्क़ी में रोल अदा करना होगा। उन्होंने कहा कि हम यहां दो रोज़ा इजलास में ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करते हुए ये तए करेंगे कि ऐवान की कार्रवाई को पुरसुकून अंदाज़ में किस तरह चलाईं, लेकिन इस में मसाइल ज़रूर आयेंगे। इस के बावजूद रियासतों और मर्कज़ की तरक़्क़ी तो साथ साथ होनी है।

अगर उत्तरप्रदेश तरक़्क़ी करता है तो मुल्क भी तरक़्क़ी करता है और मज़बूत होता है। उन्होंने कहा कि मुक़र्ररीन की ज़िम्मेदारी आम अराकीन से बढ़ कर है क्योंकि वो अवामी नुमाइंदे हैं जिन्हें पार्टी ख़ुतूत से बालातर होकर सूचना चाहिए।