मुल्क में रिश्वत सतानी के ख़िलाफ़ मुहिम शुरू करने वाले अन्ना हज़ारे और उन की टीम को चंद गोशों से सख़्त निशाना बनाया जा रहा है। अन्ना हज़ारे ने लोक पाल बल को एक दस्तूरी अथॉरीटी बनाने के इक़दाम पर सवाल उठाते हुए कहा था कि अवाम को बेवक़ूफ़ बनाने और लोक पाल बल की मंज़ूरी से गुरेज़ करने या ताख़ीर करने का एक हर्बा अन्ना अना टीम ने हुकूमत से मुतालिबा किया था कि वो अगर संजीदा हो तो उसे सरमाई इजलास में मंज़ूर किया जाये।
दस्तूरी मौक़िफ़ अता करने का मतलब लोक पाल बल की मंज़ूरी से गुरेज़ या ताख़ीर करने का हर्बा ही। इस तरह के ब्यानात के चंद यौम के अंदर अना हज़ारे टीम के कारकुनों पर हमलों का आग़ाज़ होगया है। याद रहे कि 12 अक्टूबर को सरकरदा क़ानूनदां प्रशांत भूषण पर हमला किया गया था जिस के अंदरून पाँच यौम अन्ना हज़ारे के दस्त रास्त कजरीवाल पर एक शख़्स ने चप्पल फेंक मारा।
इस तरह के वाक़ियात के साथ ही सारे मुल्क में तशवीश की लहर दौड़ गई है तो दूसरी तरफ़ कजरीवाल ने कहाकि वो इस तरह के हमलों से ख़ाइफ़ होने वाले नहीं हैं। उन्हों ने कहाकि जब वो रिश्वत सतानी के एक हिस्सा के तौर पर प्रोग्राम में शिरकत के लिए रवाना हो रहे थे उन पर एक शख़्स ने चप्पल से हमला कर दिया।
इस वाक़िया के बाद उन्हों ने अपने रद्द-ए-अमल के तौर पर हमला आवर को माफ़ करदेने का ऐलान किया। हमला आवर जेतिंदर पाठक का कहना है कि इस का ताल्लुक़ किसी भी पार्टी से नहीं है ताहम उन्हों ने कजरीवाल पर इल्ज़ाम लगाया कि वो रिश्वत के मसला पर मलिक के अवाम को गुमराह कररहे हैं जिस की वजह से वो शदीद जज़बात का शिकार होगया था जिस पर वो क़ाबू ना रख सका।
क्या इस तरह के वाक़ियात के ज़रीया अना हज़ारे और उन की टीम को दागदार बनाने की कोशिश तो नहीं ही। आख़िर इस तरह के वाक़ियात करवाने में किस का हाथ होसकता ही। एक तरह से देखा जाय तो बी जे पी और आर ऐस ऐस अना हज़ारे की भरपूर ताईद कररही है तो दूसरी तरफ़ बरसर-ए-इक्तदार कांग्रेस पार्टी के क़ाइद दिग्विजय सिंह ने हालिया दिनों में शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाया था क्योंकि इस को आर ऐस इसकी ताईद का वाज़िह सबूत होने का इद्दिआ किया।
दिग्विजय सिंह ने हिसार लोक सभा के ज़िमनी इंतिख़ाबी मुहिम के दौरान अना हज़ारे को निशाना बनाते हुए अना को एक मकतूब रवाना करते हुए इस बात का इज़हार किया कि इन के पास आर ऐस इसकी ताईद का ठोस सबूत मौजूद है।
दूसरी तरफ़ अना टीम ने वाज़िह करदिया कि वो लोक पाल से हरगिज़ पीछे नहीं हटींगी। प्रशांत भूषण ने इस पर तबसरा करते हुए कहाकि वो दस्तूरी इदारा बनाने का ख़ौरमक़दम करते हैं ताहम इस में कोई तहरीफ़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अगर लोक पाल को दस्तूरी इदारा बनाया गया तो हमें इस पर ख़ुशी होगी लेकिन इस इदारा को मुकम्मल इख़्तयारात का मुतालिबा जारी रहेगा। लोक पाल बल को दस्तूरी इदारा बनाने के अमल के दौरान कोई उलट फेर नहीं की जानी चाहिए ।
दूसरी तरफ़ दिग्विजय सिंह ने अना टीम को ललकारते हुए कहाकि आर ऐस ऐस अना हज़ारे को सदर जमहूरीया के उम्मीदवार बनाना चाहती है । उन्हों ने अना टीम पर ये भी इल्ज़ाम लगाया कि इन के ब्यानात से साफ़ ज़ाहिर होता है कि वो कांग्रेस के नज़रिया के मुख़ालिफ़ हैं।
दिग्विजय सिंह ने अपने मकतूब में हालिया दिनों में आर ऐस ऐस सरबराह मोहन भागवत के ब्यान का भी हवाला दिया है। इस तरह की बयानबाज़ी से दोनों पार्टीयों का वक़ार मुतास्सिर हो रहा है।
हर दो पर अवाम के नज़रियात में शक पैदा होजाएगा। यही नहीं बल्कि अवाम रद्द-ए-अमल का भी इज़हार करसकते हैं। हालिया दिनों में इस तरह के वाक़ियात रौनुमा हुए थी। प्रशांत भूषण और कजरीवाल पर हमला करके अवाम क्या साबित करना चाहते हैं।
आख़िर इन वाक़ियात के पीछे किस का हाथ होसकता ही। हमलों और तशद्दुद जैसे वाक़ियात का मक़सद किया ही। दूसरी तरफ़ साबिक़ नायब वज़ीर-ए-आज़म और बी जे पी क़ाइद ईल के अडवानी मुल्क से रिश्वत के ख़िलाफ़ एक चेतना यात्रा शुरू की है जो कई रियास्तों का अहाता कर रही है।
इन दिनों वो रियासत आंधरा प्रदेश के दार-उल-हकूमत हैदराबाद में एक बड़े जल्सा-ए-आम से ख़िताब के लिए पहूंच गए हैं। इन की यात्रा का मक़सद भी सयासी मक़सद बरारी हासिल करना है। इस से क़बल भी उन्हों ने एक रथ यात्रा निकाली थी जिस के बाद मलिक के मुख़्तलिफ़ हिस्सों में फ़िर्कावाराना तशद्दुद भड़क उठा था। जब कभी कुछ अहम चीज़ों पर बात छिड़ जाती है तो मुल़्क की सयासी जमातें एक दूसरे पर सबक़त ले जाने के लिए कुछ ना कुछ कर बैठतीं हैं और एक दूसरे को निशाना बनाती हैं।
आंधरा प्रदेश के साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर वाई ऐस राज शेखर रेड्डी के फ़र्ज़ंद ने भी रियासत में उन के वालिद के इंतिक़ाल के बाद कांग्रेस से तर्क-ए-ताल्लुक़ करके एक तवील पुर्सा यात्रा में मसरूफ़ हैं। वक़फ़ा वक़फ़ा से वो रियासत के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात का दौरा करते हुए वाई ऐस आर के बाद सदमा से दो-चार होकर फ़ौत होने वाले अफ़राद के ख़ानदानों से मुलाक़ात करके पुर्सा दे रहे हैं और वाई ऐस आर की जानिब से शुरू करदा मुख़्तलिफ़ असकीमात की तशहीर करते हुए अवाम में शऊर बेदार करने की कोशिश कररहे हैं। इस तरह की यात्रा से साफ़ ज़ाहिर होता है कि वो भी रिया ली के ज़रीया अपनी पार्टी को मंज़िल तक पहुंचाने की कोशिश कररहे हैं।