सिर्फ़ जन लोक पाल से रिश्वत का ख़ातमा नामुमकिन

हैदराबाद1 8फरवरी: जहदकार अना हज़ारे ने आज कहा कि वो अपनी मुख़ालिफ़ बदउनवानी मुहिम के लिए आइन्दा देढ़ बरस में मुल्क के 6 करोड़ अवाम को तरग़ीब देंगे।

सिकंदराबाद में जल्सा-ए-आम से ख़िताब करते हुए अना हज़ारे ने कहा कि तन्हा जन लोक पाल से बदउनवानीयों को जड़ से उखाड़ फेंका नहीं जा सकता बल्के सारे निज़ाम में तबदीली लाने की ज़रूरत है।

इस तबदीली के लिए जामि इंतिख़ाबी इस्लाहात के साथ देही सतह के इदारों को बाइख़तियार बनाना होगा। उन्हों ने कहा कि उन की जद्द-ओ-जहद निज़ाम की कामिल तबदीली के लिए है और उस की ताबीर नौजवानों के बगैर मुम्किन नहीं है।

उन्हों ने कहा कि इस मुल्क के नौजवान बदल जाएं तो निज़ाम में यक़ीनन तबदीली आएगी। अना हज़ारे ने कहा कि जन लोक पाल से 50-55 फ़ीसद हद तक बदउनवानीयों और रिश्वत सतानी पर कंट्रोल किया जा सकता है।

माबक़ी लानतों से छुटकारा के लिए जामि इस्लाहात की ज़रूरत है। यही वजह है कि हम इंतेख़ाबी इस्लाहात का मुतालिबा करते हुए राय दहनदों को हक़ इस्तिर्दाद का मुतालिबा कररहे हैं।

उन्हों ने कहा कि अगर इंतेख़ाबात में मुक़ाबला करने वाले तमाम के तमाम उम्मीदवारों नाअहल, बद उनवान और गुंडे होंगे तो अवाम को इन में से किसी एक का इंतेख़ाब करना होगा और ये उम्मीदवार अपनी कामयाबी के लिए राय दहनदों को रुकमी लालच दे कर् या डरा धमकाकर अपनी कामयाबी को यक़ीनी बनाएंगे।

अगर राय दहिंदा को उम्मीदवारों को मुस्तरिद करने का हक़ हासिल होजाए तो वो उसी सूरत में तमाम उम्मीदवारों को मुस्तरिद करदेगा। उन्हों ने कहा कि राय दहनदों को हक़ इस्तिर्दाद हासिल होजाने के बाद सयासी पार्टियां इसे उम्मीदवारों को टिकट देने से गुरेज़ करेंगे और उम्मीदवार भी इंतिख़ाबात में करोड़ों रुपये ख़र्च करने पर मुकर्रर ग़ौर करेंगे।

उन्हों ने कहा कि हम चाहते हैं कि उसे इंतिख़ाबी इस्लाहात लाए जाएं कि अगर किसी हलकके में अवाम की अक्सरियत मुस्तरिद करदें तो नए सिरे से ना सिर्फ़ इंतेख़ाबात करवाए जाएं बल्के मुस्तरिद शूदा उम्मीदवारों को दुबारा मुक़ाबला करने का मौक़ा ना दिया जाये। उन्हों ने कहा कि इंतेख़ाबात में बदउनवानीयों के ख़ातमे के लिए इस्लाहात ज़रूरी हैं चूँके अवाम के मुंख़बा नुमाइंदे जिन को क़ानूनसाज़ी का हक़ हासिल होजाए वही बद उनवान हूँ तो इस मुल्क से बदउनवानी का ख़ातमा एक ख़ाब बन कर रह जाएगा। उन्हों ने कहा कि उसे उम्मीदवार दौलत का इस्तिमाल करते हुए इक़तेदार हासिल करते हैं और इक़तेदार के ज़रीये फिर दौलत इकट्ठा करने लगे हैं।