एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि केवल भारत माता की जय या जय हो बोलना राष्ट्रवाद नहीं है। सबके लिए जय हो यह राष्ट्रवाद है। अगर आप धर्म, जाति, शहरी-ग्रामीण विभाजन के आधार पर लोगों से भेदभाव करते हैं तो आप ‘भारत माता की जय हो’ नहीं कह रहे हैं।
अमर उजाला पर छपी खबर के अनुसार, उपराष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में बदलाव लंबे समय से आपेक्षित है। हमें पूरी तरह से औपनिवेशिक मानसिकता को खत्म करना चाहिए, छात्रों के बीच वास्तविक इतिहास, प्राचीन सभ्यता, संस्कृति और विरासत और राष्ट्रवाद के मूल्यों को सिखाना चाहिए।
Vice President M Venkaiah Naidu: Nationalism does not mean 'Bharat Mata ki Jai', 'jai ho' to that photo. Sabke liye jai ho, that's patriotism. If you discriminate people on the basis of religion, caste, urban-rural divide then you are not saying 'Bharat Mata ki Jai Ho'. (23.3.19) https://t.co/TzeMeMADv3
— ANI (@ANI) March 23, 2019
उन्होंने कहा कि हमारे लिए बहुत सारे अवसर हैं। युवाओं को इस अवसर को प्राप्त करना चाहिए और भय, भ्रष्टाचार, भूख, भेदभाव, अशिक्षा, गरीबी, जाति बाधाओं और शहरी-ग्रामीण विभाजन से मुक्त एक नए भारत के निर्माण का प्रयास करना चाहिए। यही वह न्यू इंडिया है जिसे हम देखना चाहते हैं।