हैदराबाद 04 अक्टूबर: तालीम और रोज़गार में तहफ़्फुज़ात मुस्लमानों की तरक़्क़ी को मुम्किन बना सकते हैं और मुस्लमानों की पसमांदगी को दूर कर सकते हैं। इन ख़्यालात का इज़हार आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर सियासत ने किया जो कोरटला के एक वफ़द को मुख़ातिब थे। वफ़द ने 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात के लिए सियासत की तरफ से शुरू करदा तहरीक पर आमिर अली ख़ां को मुबारकबाद पेश की और हुसूल तहफ़्फुज़ात तक सियासत की तहरीक से जड़े रहने और तहरीक में शिद्दत पैदा करने का यक़ीन दिलाया।
आमिर अली ख़ां ने जो सियासत की तहरीक के ज़िम्मेदार हैं तहरीक के सरपरस्त आला एडीटर सियासत ज़ाहिद अली ख़ां से वफ़द की मुलाक़ात करवाई। इस मौके पर वफ़द से आमिर अली ख़ां ने कहा कि किसी भी तहरीक की कामयाबी के लिए जज़बा के साथ जद्द-ओ-जहद ज़रूरी है।
उन्होंने मश्वेरह दिया कि जज़बा और जद्द-ओ-जहद के दरमयान जज़बाती होने से कामयाबी में रुकावट पैदा हो सकती है। उन्होंने कहा कि तामीरी अंदाज़ में तहरीक जारी है। उन्होंने मुस्लिम तहफ़्फुज़ात तहरीक में बी सी कमीशन के मुतालिबात की एहमीयत से वफ़द को वाक़िफ़ करवाया और बताया कि सिवाए बी सी कमीशन के कोई और सरकारी इदारा मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात देने की सिफ़ारिश का मजाज़ नहीं है और दुसरे इदारों की सिफ़ारिश को अदालत भी क़बूल नहीं करती जैसा कि साबिक़ में हो चुका है।
उन्होंने कहा कि रियासत तेलंगाना में मुस्लमान पसमांदगी की बुनियाद पर तहफ़्फुज़ात के हक़दार हैं और पसमांदगी का पैमाना बी सी कमीशन के इख़तियार में है। उन्होंने वफ़द को मश्वेरह दिया कि वो नुमाइंदगीयाँ में तेज़ी पैदा करें। न्यूज़ एडीटर सियासत ने सब्र और ख़ुश-उस्लूबी के साथ नुमाइंदगीयाँ करने की तेलंगाना के मुस्लमानों से दरख़ास्त की है और बी सी कमीशन के क़ियाम को फ़ौरी अमल में लाने के मुतालिबा पर-ज़ोर दिया है । उन्होंने अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि सरकारी-ओ-ग़ैर सरकारी इदारे मुस्लमानों की पसमांदगी की रिपोर्ट पेश करते हैं ।