राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विद्यार्थियों से कहा की, वे आत्मा के बिना किसी सूचित रोबोट की तरह न बने, लेकिन ऐसे व्यक्तित्व का निर्माण करें जिसपर देश गर्व कर सके।
हिमाचल के सुरम्य पहाड़ी स्टेशन में स्थित लॉरेंस स्कूल के छात्रों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, शिक्षा एक व्यक्ति के विकास और निर्माण के अलावा कुछ भी नहीं करती।
स्कूल के 159 वे नींव दिवस पर उन्होंने कहा, “हम आत्मा के बिना सूचित रोबोट नहीं चाहते हैं। हम चाहते हैं कि व्यक्ति समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से परिचित हों।”
उन्होंने कहा, “यह इस तरह होगा की हम रोबोट की तरह सुचना प्रदान कर रहे हैं। इससे हम एक रोबोट बना सकते हैं, लेकिन देश के लिए एक अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण नहीं कर सकते हैं “।
मुखर्जी जिन्होंने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत की गयी रंगीन परेड का आनंद लिया उन्होंने कहा की, एक अच्छा स्कूल किसी भी समाज, देश या राज्य की संपत्ति है।
“मुझे विश्वास है कि देश का भविष्य सुरक्षित हाथों में है,” दर्शकों के अभिवादन के बीच उन्होंने कहा।
इस अवसर पर तमिलनाडु के गवर्नर सी विद्यासागर राव भी मौजूद थे।
लॉरेंस स्कूल, 1858 में मेजर जनरल सर हेनरी लॉरेंस की याद में बनाया गया था । इसकी स्थापना ब्रिटिश सैनिकों के अनाथों और बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करने के लिए की गयी थी।
स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने स्कूल का प्रबंधन संभाला लिया था।