कामयाबी के तवील और मुश्किलात भरे सफ़र के बाद एज़ाज़ तारीख़ी लम्हा : परवीन तलहा के तास्सुरात
सिविल सर्विसेस क्लास । में दाख़िला हासिल करनेवाली और पहली और यूनीयन पब्लिक सर्विसेस कमीशन की रुकन मुक़र्रर की जाने वाली पहली आई आर एस मुस्लिम ख़ातून को कल पद्मश्री ऐवार्ड से नवाज़ा गया। परवीन तलहा केलिए ये एक काबिल फ़ख़र लम्हा था लेकिन इस तवील सफ़र के दौरान कई मुश्किलात और मशक़्क़तों का सामना करना पड़ा।
उन्होंने सेंट्रल नारकोटिक्स डिपार्टमेंट में भी ख़िदमात अंजाम दी हैं। परवीन तलहा को सियोल सर्विसेस केलिए नुमायां ख़िदमात अंजाम देने पर ये ऐवार्ड दिया गया है। उन्होंने अपने कैरीयर का सफ़र जारी रखने केलिए काफ़ी मुश्किलात का सामना किया और एक एसे समाज में जहां ख़वातीन की तालीम और तरक़्क़ी को मुख़्तलिफ़ वजूहात की बिना रोकने की कोशिश की जाती है परवीन तलहा ने कामयाबी के साथ ये सफ़र पूरा किया है।
उन्होंने बताया कि 45साल पहले वो सिविल सर्विसेस से वाबस्ता हुईं। चंद साल बाद उन्हें ये अंदाज़ा होगया कि दीगर अहम ओहदे पर भी वो ख़िदमात अंजाम दे सकती हैं। 70साला परवीन तलहा 1969 में इंडियन रीवैन्यू सर्वीसेस (कस़्टम़्स ऐंड सेंट्रल एक्साइज़) से वाबस्ता हुईं जहां उन्होंने 35साल ख़िदमात अंजाम दें और 2004 में उन्हें यूनीयन पब्लिक सर्वीसेस कमीशन ( यू पी एससी) का रुकन मुक़र्रर किया गया।
उन्होंने बताया कि जब आला ओहदेदारों ने उनकी सलाहीयतों पर यक़ीन करना शुरू किया तो उन्होंने भी कई अहम ज़िम्मेदारीयों को पूरा करने का बीड़ा उठाया। चुनांचे उन्हें उत्तरप्रदेश में डिप्टी नारकोटिक्स कमिशनर की ज़िम्मेदारी भी दी गई। उन्होंने कहा कि उस वक़्त उत्तरप्रदेश में अफ़यून की बड़े पैमाने प्रकाशित और तिजारत हुआ करती थी।
उन्होंने उसकी गै़रक़ानूनी फ़रोख़त के तमाम रास्ते बंद करने केलिए सख़्त फ़ैसले किए । 2002 में बहैसीयत डायरेक्टर जनरल ट्रेनिंग तक़र्रुर पर उन्होंने डिपार्टमेंट आफ़ कस़्टम़्स ऐंड सेंट्रल एक्साइज़ में तमाम कैडरस केलिए मूसिर काम किए और इस महिकमे की कारकर्दगी को मवसर बनाया।
परवीन तलहा को 2000यू पी एससी केलिए नुमायां ख़िदमात पर ये बावक़ार ऐवार्ड अता किया गया। वो एक बेहतरीन मुसन्निफ़ा भी हैं और उन्होंने फ़दाए लखनऊ किताब तहरीर की जो 22छोटी कहानीयों का मजमूआ है। इसके अलावा मुज़फ़्फ़र अली की हिदायत में तैयार सीरियल हुस्न जानां केलिए उन्होंने मकालमे भी तहरीर किए।