सिविल सर्विस इम्तेहान में गरीब किसान का बेटा कामयाब

ओडिशा के ज़िला केनदरा पार में एक दौर उफ़्तेदा गावं के एक गरीब किसान के 28 साला फ़र्ज़ंद ने सिविल सर्विस इम्तेहान में कामयाबी हासिल कर के अपने मुस्तक़बिल को रोशन करलिया है। ह्रदया कुमार दास को कामयाबी की सिम्त पेशक़दमी से ग़ुर्बत रोक नहीं सकी और वो किसी कानोनट यह अंग्रेज़ी मीडियम स्कूल के तालिब-ए-इल्म नहीं हैं ताहम उनकी साबित क़दमी और सख़्त मेहनत ने उन्हें कामयाबी की मंज़िल तक पहुंचाया और सियोल सर्विस इम्तेहान में तीसरी कोशिश के ज़रिये कामयाब होगए।

उनकी कामयाबी के सफ़र पर दरयाफ़त किया गया तो दास ने जज़बात से मग़्लूब हो कर बताया कि मुझे एक मेहनत कश किसान का बेटा होने पर फ़ख़र है। हमारी सिर्फ़ देढ़ एकड़ ज़रई खेत है। और मेरे वालिद ख़ानदान की कफ़ालत के लिये खेत में हल चलाते हैं। उन्होंने मेरे तालीमी अख़राजात के लिये अराज़ी का एक हिस्सा फ़रोख़त भी करदिया।

जब कि मेरा एक और छोटा भाई एम बी ए में ज़ेरे तालीम है। दास ने बताया कि प्राइमरी और हाई स्कूल में तालीमी मुज़ाहरा शानदार रहा लेकिन साईंस के मज़मून में थोड़ा कमज़ोर रहा जो कि मेरे लिये मायूस कुन था और जब में क्रिकेट में नाम कमाया तो ये उलझन पैदा हुई कि क्रिकेट खेलों यह तालीम हासिल करों।

लेकिन मेरे वालिद ने तालीम पर तवज्जे देने का मश्वरा दिया और मैं ने अटिकल यूनीवर्सिटी से 5 साला एम सी ए कोर्स किया और उस वक़्त से अब तक पीछे मोड़ कर नहीं देखा। ह्रदया ने बताया कि सिविल सर्विस में कामयाबी से क़बल ज़िला जाजपोर में बहैसियत प्राइम मिनिस्टर रूरल डेवलपमेंट फैलो तक़र्रुर किया गया और उनका ये काम था कि नक्सलाइटस से मुतास्सिरा इलाक़ों में क़बाईलों राबिता क़ायम करना इंसिदाद ग़ुर्बत और फ़लाही प्रोग्राम्स पर अमलावरी की निगरानी करना था जबकि मर्कज़ी विज़ारत देही तर कुयात उन्हें मामूली तनख़्वाह अदा करती थी।