सिविल सर्विस को अपनाकर समाज की और मुल्क की ना सिर्फ़ बेहतर तौर पर ख़िदमत करसकते हैं बल्कि ये एसा शोबा है जिस से बेकसों की मदद , परेशान हाल अफ़राद के साथ इंसाफ़ करके उन का हक़ दिलाया जा सकता है।
आई ए एस ऑफीसर को जो इख़्तयारात हासिल होते हैं वो किसी एक महिकमा नहीं बल्कि ज़िला सतह पर कलेक्टर ज़िला मजिस्ट्रेट के ज़रीये तमाम मह्कमाजात का सरबराह होता है उस को अपनाने पैसे या तनख़्वाह कोई मानी नहीं रखती।
एक सी ई ओ की जो सालाना तनख़्वाह है वो आई ए एस ऑफीसर के उम्र भर की तनख़्वाह से ज़्यादा है। लेकिन इस का हम तक़ाबुल ना करें। इन ख़्यालात का इज़हार फ़य्याज़ फ़ारूक़ी इंस्पेक्टर जनरल पुलिस पंजाब ने सियासत गोल्डन जुबली हाल में सिविल सर्विस की तैयारी कैसे करें सेमीनार को मुख़ातिब करते हुए किया और अपने लेक्चर में अपनी ज़िंदगी के इबतिदाई हालत से आग़ाज़ करके कहा कि इन का ताल्लुक़ अलहाबाद शहर के मुतवस्सित घराने से है। वालिद ने विरासत में अच्छा किरदार छोड़ा और इस सरमाया से वो सिविल सर्विस तक पहुंचे।
आज मुल्क में ब्यूरोक्रेसी में किरदार साज़ी की ज़रूरत है। मुल्क का सब से बाअसर तबक़ा आई ए एस , आई पी एस ओहदेदारान होते हैं जिन से अवाम को तवक़्क़ुआत वाबस्ता होती हैं के उन्हें इंसाफ़ मिलेगा और उनके मसाइल की यकसूई होगी। आई ए एस को कैरियर बनाने अमल , यक़ीन और मुहब्बत के पयाम इक़बाल के तीन हथियार को अपनाने का मश्वरह देते हुए उन्होंने कहा कि वो मर्कज़ और महवर का इंतेख़ाब करें। सब से अहम प्लानिंग , वक़्त का सही इस्तेमाल और इस के लिहाज़ से तैयारी करना है।
सिर्फ़ मालूमात जमा करना अहम नहीं है बल्कि ख़ुद को उन मालूमात का माहिर बनाना होगा और मुख़्तलिफ़ किताबों , रसाइल , अख़बारात से जो मवाद मिलेगा इस से ख़ुद तजज़िया करते हुए जांच कर उस को मुहासिबा करें।
उन्होंने मौजूदा हालात के तनाज़ुर में नई नसल खास्कर नौजवानों को मश्वरह दिया कि वो सख़्त मेहनत से ना सिर्फ़ कामयाबी हासिल करें बल्कि बुलंद मुक़ाम हासिल करें।
मुस्लिम ज़हीन तलबा-ए-ओ- तालिबात से अपील की के वो आई ए एस / आई पी एस जो कैरियर में सब से ऊंचा और पहला मुक़ाम रखता है अपनाने संजीदगी और यकसूई से तैयारी करें। कृष्णा प्रदीप डायरेक्टर 21 सेंचरी आई ए एस एकेडेमी मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की। इब्तिदा-ए-में यूसुफ़ अली बाबा ने तआरुफ़ी तक़रीर की।
कैरियर कौंसिलर सियासत एम ए हमीद ने कार्रवाई चलाई। अफ़्शां फ़ातिमा की क़िरात से आग़ाज़ हुआ। इस मौके पर तलबा तालिबात और सरपरस्तों की कसीर तादाद ने शिरकत की। आमिर अली ख़ां न्यूज़ एडीटर रोज़नामा सियासत ने प्रोग्राम की निगरानी की । आख़िर में एम ए हमीद ने शुक्रिया अदा किया।