सीएम और स्पीकर समेत 8 पर अदालत में इल्ज़ाम तय

रांची : वजीरे आला रघुवर दास पर जुमेरात को एसडीजेएम राजेश कुमार सिंह की अदालत में इल्ज़ाम तय किया गया। सीएम और स्पीकर दिनेश उरांव पर सरकारी दफ्तर में जबरन घुसकर मजमा लगाने और तोड़-फोड़ करने का इल्ज़ाम है। इससे पहले इनके खिलाफ अरगोड़ा पुलिस की तरफ से इल्ज़ाम दायर किया गया था। अदालत ने इल्ज़ाम तय करने से पहले आठों मुल्जिमान को पुलिस पेपर दिलाया। मामले में गवाही के लिए अदालत ने 19 दिसंबर की तारीख तय की है।

21 नवंबर 2013 को अरगोड़ा थाना इलाक़े के अशोक नगर में वाकेय नेशनल हाईवे अथॉरिटी दफ्तर में जबरन घुसकर धरना-मुजाहिरा, हंगामा, सरकारी मुलाज़िम के साथ धक्का-मुक्की और तोड़फोड़ करने का इल्ज़ाम है। तहरीक करने वाले रांची-जमशेदपुर रास्ते की मरम्मत करने की मांग को लेकर अथॉरिटी दफ्तर अहाते में आ गए थे। मामले की शिकायत अथॉरिटी के मौजूदा प्रोजेक्ट डाइरेक्टर अवधेश कुमार ने दर्ज कराया था।

कोर्ट में हाजिर हुए वजीरे आला , किया इल्ज़ामात से इनकार

नेशनल हाइवे अथारिटी के अशोकनगर वाकेय दफ्तर में तोड़फोड़ करने को लेकर दर्ज मामले में सीएम रघुवर दास, एसेम्बली सदर दिनेश उरांव, फूड सेक्युर्टी वज़ीर रांची। नेशनल हाइवे अथारिटी के अशोकनगर स्थित कार्यालय में तोड़फोड़ करने को लेकर दर्ज आपराधिक मामले में गुरुवार को सीएम रघुवर दास, विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव, खाद्य आपूर्ति वज़ीर समेत आठ लीडरों ने सिविल कोर्ट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इन लोगों से मौजूदगी के पहले ही कोर्ट अहाते में सख्त सेक्युर्टी के कड़े इंतजाम किए गए थे। सीएम साढ़े बारह बजे के बाद कोर्ट पहुंचे, पर वहां सुबह दस बजे से ही पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई थी। कोर्ट के मेन गेट से लेकर एसडीजीएम कोर्ट तक पहुंचने में किसी क़िस्म की मसला नहीं हो इसके लिए ट्राफिक पुलिस को भी लगाया गया था। कोतवाली थाना के डीएसपी खुद वायरलेस के साथ हाजत गेट पर तैनात थे।

सुनवाई के दौरान तमाम मुल्जिमान को अदालत रूम में खड़ा किया गया। कोर्ट ने बारी-बारी से सभी लोगों को उनके खिलाफ लगे इल्ज़ामात की जानकारी दी। जवाब में वजीरे आला और दिनेश उरांव समेत तमाम मुल्जिमान ने अपने खिलाफ लगे इल्ज़ामात को मानने से इंकार किया। अदालत में तकरीबन बीस मिनट तक सुनवाई चली। मुल्जिमान की तरफ से वकील रणविजय सिंह ने अदालत में हक़ रखा। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 19 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है। वज़ीर समेत आठ लीडरों ने सिविल कोर्ट में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।