नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें शरद यादव के बारे में कुछ नहीं कहना है. चंद किलोमीटर की दूरी पर शरद यादव जन अदालत सम्मेलन कर रहे थे, लेकिन नीतीश कुमार ने उन्हें इशारों-इशारों में समझा दिया कि उनकी ताकत क्या है? बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि पार्टी के 71 विधायक, दो सांसद, नौ में सात राज्यसभा के सांसद और 30 एमएलसी हमारे साथ हैं.
इस दौरान नीतीश कुमार ने शरद यादव के पुराने दिन भी याद दिलाए. उन्होंने कहा कि समता पार्टी का विलय साल 2003 में जनता दल यू में कराकर शरद यादव को अध्यक्ष बनाया गया, जबकि समता पार्टी के उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष जार्ज फर्नाडिस थे. उन्होंने यह भी कहा कि साल 2004 में ये मधेपुरा से चुनाव हार गए थे. फिर उन्हें राज्यसभा भेजा गया.
उनके लिए क्या नहीं किया. इतने सालों तक जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने रहे. नीतीश कुमार ने शरद पर वार करते हुए कहा कि हमसे पूछा जाता है कि जनादेश महागठबंधन को मिला था. उन्होंने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि किसलिए महागठबंधन को मैंडेट मिला. बिहार का विकास करने के लिए या एक परिवार की खुशहाली के लिएय मैंडेट के हम भी हकदार है.
जिसके साथ JDU, उसी की जीत
बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे बारे में यह भी कहा जा रहा है कि हमारा कोई जनाधार नहीं है, जबकि जनता दल यू का अपना जनाधार है. जिसके साथ जेडीयू होता है, वही चुनाव में जीतता है. इस बीच नीतीश कुमार ने गठबंधन टूटने के एक-एक कारण बताये. उन्होंने कहा कि बार-बार यह कहकर अपमानित किया जाता था कि आप मुख्यमंत्री बने रहेंगे और वो भी मेरे सामने. इससे ज्यादा अपमान और क्या होगा? कहा जाता था कि परिस्थियों के मुख्यमंत्री हैं. बड़ी पार्टी होने का बहुत गुमान था. हमारे पार्टी का एक नेता बता दीजिए, जिसने आरजेडी के शीर्ष नेता का अपमान किया हो, लेकिन मेरे बारे में पता नहीं क्या-क्या बोला गया?
JDU को तोड़ने की ताकत किसी में नहीं
नीतीश कुमार ने कहा कि वो कहते हैं कि जनता दल यू तोड़ देंगे. मुख्यमंत्री ने चुनौती देते हुए कहा कि किसी के पास JDU को तोड़ने की ताकत है? इसके लिए विधायक, एमएलसी, सांसद सब से दो तिहाई तोड़ना पडे़गा, वरना सदस्यता ही चली जाएगी. भ्रष्टाचार पर मैं कोई समझौता नहीं कर सकता. ये सबको पता है और हमारी पार्टी का भी यही विचार है. इसलिए हमने एनडीए में जाने का फैसला किया. मेरे मन में कभी सत्ता का ख्याल नहीं आया. हम अपने को जनता का सेवक मानते हैं. अपना कुछ नहीं है. हम राजनीति करते हैं. समाज सुधारने का काम करते हैं.
पहले ही बता दिया था-डेढ़ साल चलेगा महागठबंधन
नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि अगर वह इस्तीफा दे देता, तो ऊंचाईयों पर जाता. हमने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से बात की और कहा कि कुछ कीजिए, जिससे महागठबंधन चले. आपने अध्यादेश फाड़ा है, लेकिन हम तब भी चुप रहे. मजबूरन इस्तीफा दिया, लेकिन पहले से कुछ तय नहीं था. बीजेपी की तरफ से ऑफर आया और हमने विधायक दल की बैठक में सबसे पूछा और स्वीकार कर लिया. पहले से कुछ तय नहीं था.
इसे कुदरत ने बनाया. महागठबंधन बनाते समय कई लोग हमसे पूछते थे कि ये चलेगा? तब हमने कहा था कि डेढ़ साल तो चला ही लेंगे. 20 महीने बड़ी मुश्किल से चला पाये महागठबंधन की सरकार. वहीं, सीएम हाउस के सामने आरजेडी और शरद गुट के कुछ कार्यकार्ताओं ने हंगामा भी किया. नीतीश कुमार ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि हुड़दंगी छोकरों के बल पर राज करना चाहते हैं.