सीनीयर आई ए एस आफीसर प्रदीप शुक्ला गिरफ़्तार

यू पी के वज़ीर बराए सेहत-ओ-ख़ानदानी बहबूद अहमद हसन ने साबिक़ वज़ीर-ए-आला और बहुजन समाज पार्टी सरबराह मायावती की मुश्किलात में ये ब्यान दे कर मज़ीद ( और भी) इज़ाफ़ा कर दिया कि मौसूफ़ा करोड़ों रुपय के नैशनल रूरल हेल्थ मिशन स्क़ाम में मुबय्यना ( कहे हुए) तौर पर मुलव्वस (भागीदार) हैं।

अख़बारी नुमाइंदों से बात करते हुए मिस्टर हसन ने कहा कि NRHM स्क़ाम में मायावती के रोल की भी जांच पड़ताल होनी चाहीए। एक वक़्त ऐसा भी था कि उन्होंने सेहत और ख़ानदानी बहबूद ( भलाई/ उन्नती) का क़लमदान अपने पास रखा था लिहाज़ा मौजूदा तहक़ीक़ात में मायावती का भी अहाता किया जाना चाहीए।

अपनी बात जारी रखते हुए मिस्टर हसन ने कहा कि अब ये सी बी आई की ज़िम्मेदारी है कि वो मुस्तक़बिल का लायेहा-ए-अमल तैयार करे क्योंकि तीन चीफ़ मेडीकल आफ़िसरान ( मुख्य चिक़्तिसा अधिकारी) की मौत के बाद ये मुआमला किसी फ़िल्म की कहानी की तरह पुरासरार हो गया है।

यहां इस बात का तज़किरा ( च्रर्चा) भी ज़रूरी है कि एक अलैहदा ख़िताब के दौरान रियास्ती वज़ीर-ए-आला अखिलेश यादव ने भी मायावती को ढके छिपे अंदाज़ में तन्क़ीद का निशाना बनाया था और कहा था कि तहक़ीक़ाती एजेंसी ( सी बी आई) तमाम मुश्तबा अफ़राद से पूछगिछ कर रही है और हक़ायक़ जल्द ही मंज़रे आम पर आ जायेंगे।

याद रहे कि तीन रोज़ क़ब्ल एक सीनीयर आई ए एस ऑफीसर प्रदीप शुक्ला को सी बी आई ने गिरफ़्तार किया था जिन की वजह से रियास्ती खज़ाने को 22.5 करोड़ रुपये का नुक़्सान बर्दाश्त करना पड़ा था। यूपी के साबिक़ ( पूर्व) वज़ीर बराए ख़ानदानी बहबूद बाबू सिंह कुशवाहा की गिरफ़्तारी के बाद प्रदीप शुक्ला अपनी गिरफ़्तारी से एक अर्सा तक बचते रहे लेकिन बहरहाल सी बी आई ने उन्हें उस वक़्त गिरफ़्तार कर लिया जब वो एयर पोर्ट की जानिब ( तरफ) जा रहे थे।

55 साला कुशवाहा को NRHM स्क़ाम में सबसे पहले मुलव्वस पाया गया था क्योंकि मुबय्यना तौर पर उत्तर प्रदेश हेल्थ डिपार्टमेंट के आफ़िसरान ( अधिकारियों) और यूपी प्रासेसिंग ऐंड कंस्ट्रक्शन को आपरेटिव फ़ैडरेशन लिमेटेड के अरकान के साथ मुजरिमाना साज़ बाज़ में मुलव्वस थे।