झारखंड-बिहार समेत दीगर रियासतों से केरल ले जाये गये बच्चों (चाइल्ड ट्रैफिकिंग) के मामले में केरल हाइकोर्ट ने सीबीआइ तहक़ीक़ात का हुक्म दिया है। अदालत ने कहा है कि इस मामले को हल्के में नहीं लिया जा सकता। अदालत ने इस मामले में केरल हुकूमत की तनकीद की और कहा कि वह किसी यूनियन एजेंसी से इसकी जांच कराये। गौरतलब है कि झारखंड के गोड्डा समेत बिहार और मगरीबी बंगाल के 600 से ज़्यादा बच्चों को केरल ले जाया गया था। पल्ककाड रेलवे स्टेशन पर एजेंटों के साथ सभी बच्चे मिले थे।
बच्चों को कोडिकोड के मुक्कम मुसलिम अनाथालय ले जाया जाना था। इस अनाथालय के सदर इंडियन यूनियन मुसलिम लीग के लीडर सैयद हैदर अली सिहाब थांगल हैं।
इस सिलसिले में जीआरपी ने भी मामला दर्ज किया था। एक एनजीओ की दरख्वास्त पर केरल हाइकोर्ट के चीफ़ जस्टिस मंजुला चेल्लुर और जस्टिस पीआर रामचंद्रन मेनन की बेंच ने मामले की संजीदगी से तहक़ीक़ात करने का हुक्म दिया था। मामले में झारखंड समेत बिहार और मगरीबी बंगाल की हुकूमत को नोटिस जारी किया गया था। केरल रियासती इंसानी हुकुक कमीशन के नोडल ओहदेदार एस श्रीजीत ने शुरुआती जांच के बाद कहा था कि यह मामला बच्चे के कारोबार का है। वहीं कमीशन के सदर जस्टिस जेबी कोसी ने कहा था कि वह तहक़ीक़ात पूरी होने तक इंतजार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि तहक़ीक़ात में इंसानी अंग कारोबार और बच्चे के जिंसी इस्तहसाल के नुक्तों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
यूथ कांग्रेस क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी ने खत लिखा
यूथ कांग्रेस की क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी दीपिका पांडेय ने झारखंड के वजीरे आला हेमंत सोरेन और गवर्नर डॉ सैयद अहमद को खत लिख पूरे मामले की जांच की दरख्वास्त किया है।