सीबीआई में स्टाफ़ का बोहरान, अहम जायदादें मख़लवा

नई दिल्ली: मर्कज़ी तहक़ीक़ाती एजेंसी (सीबीआई में एक तिहाई से ज़ाइद अहम जायदादें मख़लवा हैं और एजेंसी पर हज़ारों मुक़द्दमात का ग़ैरमामूली बोझ है जिनमें बड़े स्कैम‌स जैसे चिट फंड्स , कोयला ब्लॉक तख़सीस और बैंकों में गैरकारकरद असासे शामिल हैं।

ताज़ा आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ सुप्रिटेंडेंट‌ पुलिस एसपी की 45 जायदादें उस वक़्त ख़ाली हैं जो अक्सर तहक़ीक़ाती ऑफीसरस हुआ करते हैं जबकि मनज़ुरा जायदादें 119 हैं । इसी तरह डी आई जी सतह पर जहां मनज़ुरा जायदादें 43 हैं, उनमें17 मख़लवा हैं।

ऐडीशनल सुप्रिटेंडेंट‌ पुलिस सतह पर एक तिहाई जायदादें यानी 91 के मिनजुमला 30 मख़लवा हैं। इस के अलावा सीबीआई को पब्लिक प्रासीक्यूटरस की क़िल्लत का सामना है जो ख़ुसूसी अदालतों में मुक़द्दमात की बेहस करसके।

उनकी मनज़ुरा तादाद 210 है, वहीं उस वक़्त सिर्फ़ 73 वुकला की ख़िदमात ली जा रही हैं। मुख़्तलिफ़ सतहों पर लीगल ऑफीसरस की भी 46% कमी पाई जाती है। 370 मनज़ुरा लीगल ऑफीसर्स के मिनजुमला सिर्फ 197 ही दस्तियाब हैं|