सीमांध्र में आईआईटी आईआईएम के क़ियाम का इमकान

अलाहिदा रियासत तेलंगाना की तशकील के फैसले के बाद सीमांध्र के अवाम को राज़ी करने के मक़सद से मर्कज़ी हुकूमत होसकता है कि बड़े और अहम तालीमी इदारे जैसे आई आई टी आई आई एम और एन आई टी के सीमांध्र में क़ियाम की इजाज़त दे सकती है।

तेलंगाना की तशकील के फैसले के बाद सीमांध्र में बड़े पैमाने पर एहतेजाज शुरू होगया था और दो माह तक इस का सिलसिला जारी रहा था।

विज़ारत फ़रोग़ इंसानी वसाइल में आला सतह के ज़राए ने बताया कि सीमांध्र में बड़े और अहम तालीमी इदारों के क़ियाम के ताल्लुक़ से किसी फैसले से बहुत जल्द विज़ारते दाख़िला को वाक़िफ़ करवा दिया जाएगा।

विज़ारते दाख़िला ने तेलंगाना पर विज़ारती ग्रुप को फ़राहम करने के लिए मौसूल हुई मुख़्तलिफ़ नुमाइंदगीयाँ वसूल करते हुए उन्हें मुताल्लिक़ा हुक्काम तक पहूँचा दिया है।

विज़ारती ग्रुप ने रियासत की तक़सीम पर अवाम की राय लेनी शुरू करदी है। जो तजाव॒ज़ मिली हैं इन में ये शामिल हैके विशाखापटनम में एक आई आई टी विजयवाड़ा में एक आई आई एम क़ायम करना और विशाखापटनम में वाक़्ये आंध्र प्रदेश यूनीवर्सिटी को एक मर्कज़ी यूनीवर्सिटी में तब्दील करना शामिल है।

आंध्र प्रदेश को तक़सीम करदिया जाता है तोसीमांध्र इलाके में कोई बड़े इदारे मौजूद नहीं रहेंगे क्यूंकि इस तरह के तमाम बड़े इदारे हैदराबाद के अतराफ़ और तेलंगाना इलाके में वाक़्ये हैं।

जो नुमाइंदगीयाँ मौसूल हुई हैं इन में ये भी कहा गया है कि तमाम मर्कज़ी इदारों के लिए एक बिल तैयार किया जाना चाहीए और तमाम क़ौमी जमातों को इस पर दस्तख़त करने चाहिऐं।

नुमाइंदगियों में कहा गया है के बेशतर अहम और बड़े तालीमी इदारे रियासत तेलंगाना में चले जाएंगे। मर्कज़ी हुकूमत को चाहीए कि इस तरह के तमाम इदारे सीमांध्र में भी क़ायम हूँ और ये सब एक साल के अंदर क़ायम हूजाएं।

कहा गया है के विशाखापटनम में मौजूदा आंध्र यूनीवर्सिटी को मर्कज़ी यूनीवर्सिटी का दर्जा दिया जाना चाहीए क्यूंकि राइसिमा और आंध्र के इलाक़ों में एक भी मर्कज़ी हुकूमत के तहत चलने वाला इदारा मौजूद नहीं है।

19 अक्टूबर के अपने मीटिंग में विज़ारती ग्रुप ने तक़सीम रियासत पर अवाम और सियासी जमातों के अलावा अवामी नुमाइंदगियों की वसूली के लिए 5 नवंबर की आख़िरी तारीख मुक़र्रर की है।

ये पैनल अपनी एक रिपोर्ट पार्लियामेंट के सरमाई मीटिंग से पहले अपनी रिपोर्ट मर्कज़ी काबीना को पेश कर देगा। वज़ीरे दाख़िला सुशील कुमार शिंदे इस ग्रुप की क़ियादत कर रहे हैं जबकि वज़ीरे फाइनैंस पी चिदम़्बरम ए के अनटोनी ग़ुलाम नबी आज़ाद एम वीरप्पा मोईली और जय राम रमेश इस के अरकान में शामिल हैं। मिनिस्टर आफ़ स्टेट पर्सोनल-ओ-दफ़्तर वज़ीर आज़म वि नारायण सामी इस पैनल के ख़ुसूसी मदऊ हैं।