सीमा आंध्र रियासत में वाई एस जगन मोहन रेड्डी की जानिब से तशकीले हुकूमत की दावेदारी अक़लीयतों की ताईद की बुनियाद पर है। जगन मोहन रेड्डी को यक़ीन है कि सीमा आंध्र में अक़लीयतों ने तेलुगु देशम – बी जे पी इत्तिहाद के सबब वाई एस आर कांग्रेस पार्टी के हक़ में वोट दिया लिहाज़ा वो असेंबली और लोक सभा की ज़ाइद नशिस्तों पर कामयाबी का यक़ीन रखते हैं।
पार्टी ज़राए ने बताया कि रायदही के इख़तेताम के बाद जगन मोहन रेड्डी ने क़रीबी साथीयों के साथ नताइज के इमकानात का जायज़ा लिया। पार्टी ने इस सिलसिला में बाअज़ ख़ान्गी सर्वे करने वाले इदारों की ख़िदमात भी हासिल की थी। तमाम सर्वे रिपोर्ट्स और पार्टी क़ाइदीन के फीड बैक की बुनियाद पर जगन मोहन रेड्डी इस नतीजा पर पहुंचे कि सीमा आंध्र में अक़लीयतों की ताईद उन्हें इक़्तेदार तक पहुंचा देगी।
अगर्चे चंद्र बाबू नायडू और उन के साथी पुर उम्मीद हैं कि उन की पार्टी सीमा आंध्र में 1999 की तारीख़ दोहराएगी जिस वक़्त नायडू को दूसरी मर्तबा इक़्तेदार हासिल हुआ था। जगन मोहन रेड्डी असेंबली की 100 से ज़ाइद और लोक सभा की 20 नशिस्तों पर कामयाबी के ज़रीए क़ौमी सतह पर अहम रोल अदा करने के बारे में मुतमइन हैं।