सीरतुन्नबी(सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम‌)के पैग़ाम को आम करने की तलक़ीन

नारायण पेट,23 जनवरी: हुज़ूर का उस्वा सारी इंसानियत के लिए बहतरीन नमूना है। जिस को इख़तियार करके ही दुनिया में सुर्ख़रु और आख़िरत की लाज़वाल ज़िंदगी में अज्र-ओ-सवाब के मुस्तहिक़ बन सकते हैं। इन ख़्यालात का इज़हार जनाब मुहम्मद अहमद , नाज़िम इलाक़ा जुनूबी तेलंगाना जमात-ए-इस्लामी ने नारायण पेट‌ की मस्जिद हाजी ख़ान पेट‌ में एक रोज़ा तरबियती इजतेमा को
मुख़ातिब करते हुए किया।

सिलसिला तक़रीर जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि रसूलुल्लाह से मुहब्बत और इताअत के बगैर ईमान मुकम्मल नहीं होसकता। ईमान का लाज़मी तक़ाज़ा ये है कि हम रसूलुल्लाह से सच्ची मुहब्बत और आप की बे चूं चरा इताअत करें। उन्हों ने कहा कि आज दुनिया में जो कुछ भी ख़राबियां पैदा हो रही हैं तौहीद, रिसालत और आख़िरत से रुगिरदानी की वजह से हो रही हैं। मुसलमानों की ये ज़िम्मेदारी है कि सीरते रसूल के पैग़ाम को आम करें। क़ब्ल अज़ीं नाज़िम ज़िला महबूबनगर ( मग़रिब ) जनाब उसमान उबैदुल्लाह मुजाहिद सिद्दीक़ ने दरसे हदीस में कहा कि मुसलमान क़ौल-ओ-अमल के ज़रीये शहादत का फ़रीज़ा अंजाम दें।

उस फ़रीज़े के अंजाम दही के लिए मुसलमानों को मुत्तहदा कोशिशों की ज़रूरत है। फरूई-ओ-मसलकी इख़तिलाफ़ात को बालाए ताक़ रखते हुए इस फ़र्ज़ मंसबी को इजतेमाई तौर पर अदा करें। उस फ़रीज़े से रुगिरदानी मुसलमानों में इंतिशार-ओ-इख़तिलाफ़ात का सबब साबित होसकती है। इजतेमा का आग़ाज़ जनाब मुहम्मद आसिफ़ सदर एस आई ओ नारायण पेट‌ के दरसे क़ुरआन से हुआ। जबकि जनाब अहमद ख़ान यूसुफ़ ज़ई ने कार्रवाई चलाई।

बादअज़ां ज़िला महबूबनगर ( मग़रिब ) के ज़िम्मे दारान जमात का एक तनज़ीमी इजतेमा मुनाक़िद हुआ जिस की निगरानी नाज़िम इलाक़ा जुनूबी तेलंगाना जनाब मुहम्मद अहमद ने की। जबकि जनाब मुहम्मद फ़ारूक़ हुसैन मौज़फ़ लेकचरर, हैदराबाद ने मेहमान ख़ुसूसी की हैसियत से शिरकत की। ज़िम्मे दारान जमात ओटकोर, मकथल, नारायण पेट‌ ने शिरकत की। जनाब उसमान उबैदुल्लाह मुजाहिद सिद्दीक़ी की दुआ पर इजतेमा का इख़तिताम अमल में आया।