सीरत तैयबा पर तर्क ज़बान से उर्दू में तर्जुमा की गई किताब की तकरीब‍ ए‍‍ रूनुमाई

करांची, ०५ फ़रवरी (एजैंसीज़) रूमी फ़ोर्म और पाक तर्क स्कूल्स ऐंड कालेजेज़ के इश्तिराक से मीलाद उन्नबी (स्०अ०व्०)और सीरत तैय्यबा पर तर्क ज़बान से उर्दू में तर्जुमा की गई किताब नूर सरमदी की तकरीब-ए-रूनुमाई कराँची के मुक़ामी आडीटोरीयम में हुई। तक़रीब के मेहमान ख़ुसूसी तर्क कौंसिल जनरल मुराद गोनरद थे।

मुक़र्ररीन ने रसूल अकरम (स्०अ०व्०) को इंसान कामिल क़रार देते हुए असर-ए-हाज़िर के तमाम मसाइल का हल सुन्नत की पैरवी को क़रार दिया।उन्हों ने कहा कि नबी करीम हमारे लिए किताब-उलल्लाह और अपनी सुन्नत छोड़ गए हैं, अब मुस्लमानों को किसी और की रहनुमाई की ज़रूरत नहीं है। तक़रीब से पाक स्कूल ऐंड कालेजेज़ पाकिस्तान के प्रिंसिपल मसऊद कछावी और दीगर मुक़र्ररीन ने भी ख़िताब किया और नबी करीम (स्०‍अ०व्०) की तालीमात पर अमल पैरा होने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया।