हलब: सीरिया के शहर हलब की महिला मीसा अपनी गर्भावस्था के नौवें महीने में प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी और साथ ही उसके आसपास बैरल बमों के गिरने का सिलसिला जारी था।
मीसा को बच्चे के जन्म के लिए तेजी से ले जाया जा रहा था कि इस दौरान एक बैरल बम के परिणामस्वरूप वह गंभीर रूप से घायल हो गई और उसका एक हाथ और पैर टूट गया। मीसा को तुरंत सीज़ीरेयन ऑपरेशन के लिए थिएटर में भर्ती कराया गया।
मीसा की इच्छा थी वह भी अन्य माओं की तरह अपने बच्चे को जन्म दे। जहां उसके परिवार और बहनें खुशी से शोर शराबा कर रही हूँ लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था।
डॉक्टरों ने पहले मीसा के शरीर से बम के टुकड़े को निकाला और फिर उसका सीज़ीरेयन ऑपरेशन किया। सीमित उपकरणों और सामान एक तेज़ी से धड़कते दिलों के साथ डॉक्टरों की कोशिश थी कि मां और बच्चे दोनों की जान बचाई जाए।
हालांकि नवजात बच्चे को मां के पेट से निकाला गया तो उसमें जान नहीं थी। डॉक्टरों ने उसे जीवन से लौटाने की भरपूर कोशिशें कीं कि इस दौरान नन्हे बच्चे के दिल की धड़कन शुरू हो गया और उसकी आँखों ने जीवन की रौशनी देख ली। अचानक बच्चे के रोने और चिल्लाने की आवाज़ बुलंद होना शुरू हुई और उसने मौत फैलाने वाले बैरल बम की आवाजों को फीका कर दिया।