सीरिया में युद्ध अपराध का खामियाजा, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हुआ रुस

जेनेवा।रूस संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर हो गया है। सीरिया में रूस की तरफ से अपनार्इ गर्इ गलत नीतियों की वजह उसे युद्घ अपराध के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। माना जा रहा है कि इन्हीं आरोपों के कारण रूस इस परिषद से बाहर का रास्ता दिखाया गया है।संयुक्त राष्ट्र महासभा ने परिषद के 14 सदस्यों का चुनाव किया है। चुने गए देशों में चीन, अमरीका, ब्रिटेन, टयूनीशिया, दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, जापान, इराक, सऊदी अरब, हंगरी, क्रोएशिया, क्यूबा आैर ब्राजील शामिल है।

इससे पहले मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने आरोप लगाया था कि रूस के हवाई हमलों में सीरिया के सैकड़ों बेकसूर नागरिक मारे गए हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक रुस ने सीरिया के शहरी इलाकों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित युद्ध सामग्री और अंधाधुंध बमों का इस्तेमाल किया था।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देश गुप्त मतदान के जरिए परिषद के सदस्यों का चुनाव किया जाता है। कोर्इ भी देश लगाताार तीसरी बार इसका सदस्य नहीं बन सकता है।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का काम मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों के समाधान आैर उसके अनुरूप सिफारिशें करना है। यह मानवाधिकारों आैर बुनियादी स्वतंत्रता को प्रोत्साहन देने और संरक्षण के लिए उत्तरदायी है।