सी ई ओ की तनख़्वाहें सालाना 2 करोड़ से मुतजाविज़

हिंदूस्तान में चीफ़ एग्ज़ीक्यूटिव ऑफीसर (सी ई ओ) की सालाना औसत आमदनी 2 करोड़ रुपय से ज़ाइद है जो किसी भी सरकर्दा बिज़नेस एग्ज़ीक़्यूटीव के मुक़ाबले तक़रीबन 2.6 गुना ज़्यादा है। ग्लोबल मैनेजमेंट कंसलटेंसी है (Hay) ग्रुप की जानिब से जारी कर्दा टाप एग्ज़ीक़्युटीव मुआवज़ा रिपोर्ट 2011-12 में ये बात बताई गई।

कंपनी की तरफ़ से आम तौर पर जो पैकेज सी ई ओ को दिया जाता है इनमें तनख़्वाह , बोनस , कमीशन, बाज़ अदायगी और दीगर कई फ़वाइद शामिल हैं। बताया जाता है कि सरकर्दा एग्ज़ीक़्युटीव (सी ई ओ) के बाद वाले मरहला में जो ओहदेदार होते हैं उन्हें दिया जाने वाला औसतन पैकेज एक करोड़ रुपय से ज़ाइद हो चुका है।

रिपोर्ट के मुताबिक़ सी ई ओ का औसत मुआवज़ा किसी भी तंज़ीम में सबसे ज़्यादा हो चुका है। ग्रुप के मुताबिक़ इस मावज़ये में सालाना असास पर इज़ाफ़ा हो रहा है और रुजहान बरक़रार रहने की तवक़्क़ो है।

बताया गया है कि सी ई ओ के लिए मौजूदा मौक़े के एतबार से इम्कान है कि मुआवज़ा में इज़ाफ़ा का रुजहान बढ़ता रहेगा। सी ई ओ की मुल्क में औसतन तनख़्वाह दीगर एग्ज़ीक्यूटिवज़ के मुक़ाबले 2.6 गुना ज़्यादा है। अगर चीका सी ई ओ की तनख़्वाहों में इज़ाफ़ा का वाज़िह तौर पर ताय्युन करना मुश्किल है लेकिन सरकारी आदाद-ओ-शुमार में ये साफ़ दिखाया गया है कि हिंदूस्तान की फी कस आमदनी में 15.6 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ है और पहली मर्तबा 2010-11 में ये 50 हज़ार की सतह को उबूर कर चुकी है।

जबकि जारीया मालीयाती साल ये 60हज़ार रुपय तक पहूंच गई है। इसी तरह सरकरदा ओहदेदारान के मुआवज़े में 2010-11 में 36 फ़ीसद जबकि माबक़ी स्टाफ़ के मसारिफ़ में तक़रीबन 18 फ़ीसद का इज़ाफ़ा हुआ है।