सी ए जी और सी वी सी जैसे इदारों का इस्तेहकाम ज़रूरी :सुषमा स्वराज

तहक़ीक़ात महिकमों पर इल्ज़ाम तराशी के हुकूमत के रवैय्ये पर तन्क़ीद करते हुए बी जे पी क़ाइद सुषमा स्वराज ने कहा कि हालाँकि इनका जोश-ओ-जज़बा कई बार बरसर-ए-इक्तदार तबक़े के लिए मुनासिब नहीं होता लेकिन सी ए जी और सी वी सी जैसे इदारों का सेहत मंद जम्हूरियत के लिए इस्तेहकाम ज़रूरी है।

उन्होंने कहा कि इन महिकमों के ख़िलाफ़ तन्क़ीदी तबसरे सुने जाते रहे हैं। हालाँकि इन इदारों को दस्तूर ने निगरानी का इख़तियार दिया है। हाल ही में सी ए जी और सी वी सी के तरक़्क़ी की राह की रुकावट होने का बयान मंज़रे आम पर आया था। इस मरहले पर ये सेहत मंद अंदाज़ फ़िक्र नहीं है बल्कि जम्हूरियत के लिए नुक़्सानदेह है।

पूरा दस्तूरी चौखटा निगरानी ,तवाज़ुन और रोक थाम पर मबनी है। इसी तरीक़े से दस्तूर को मुस्तहकम किया जा सकता है। वो सी वी सी की जश्न ज़रीं तक़रीब से ख़िताब कररही थी। क़ाइद अपोज़िशन लोक सभा ने कहा कि इस लिए इन इदारों का इस्तेहकाम ज़रूरी है जिन्हें जम्हूरी हुकूमत के मुख़्तलिफ़ शोबों पर निगरानी रखने के इख़्तयारात दस्तूर हिंद में तफ़वीज़ किए हैं।

उन्होंने कहा कि 2003 के सी वी सी क़ानून की मंज़ूरी के बाद सी वी सी को अपने इख़्तयारात का एहसास हुआ और इस ने ताज़ा जोश-ओ‍जज़बे के साथ काम करना शुरू किया।