सी पी आई एम मानसून इजलास में मज़ीद तौसी की मुख़ालिफ़

पार्लीमेंट के मानसून इजलास में तौसी की तजवीज़ को सी पी आई (एम) की जानिब से ताईद हासिल नहीं हुई।

पार्टी ने मश्वरा दिया कि हुकूमत को सरमाई इजलास आजलाना बुनियादों पर तलब करना चाहिए। पार्टी के क़ाइद सीताराम यचोरी ने पार्लीमेंट के बाहर प्रेस कान्फ़्रेंस से ख़िताब करते हुए कहा कि इजलास की पहले ही एक बार तौसी की जा चुकी है जिस की वजह से कई अरकान को अपने प्रोग्राम मंसूख़ करने पड़े।

इस लिए उसकी दुबारा तौसी नहीं की जानी चाहिए। हुकूमत सरमाई इजलास पहले ही तलब करसकती है। मर्कज़ी वज़ीर बराए पार्लीमानी उमूर कमल नाथ निशानदेही करचुके हैं कि पार्लीमेंट के मानसून इजलास में ज़ेर-ए-इलतिवा अहम मुसव्विदात क़ानून की मंज़ूरी के लिए मज़ीद तौसी की जाएगी।

कमल नाथ ने कहा कि अगर ज़रूरत महसूस की जाये तो हम पार्लीमेंट के मानसून इजलास में तौसी करसकते हैं। अहम क़ानून साजियाँ ज़ेर-ए-इलतिवा हैं जिन की मंज़ूरी ज़रूरी है। उन्होंने उमीद ज़ाहिर की कि तमाम सियासी पार्टीयां उस ज़रूरत को महसूस करेंगी और तआवुन करेंगी।

खबर‌ के मुताबिक‌ हुकूमत बी जे पी और दीगर सियासी पार्टीयों के साथ इजलास की तौसी के लिए रब्त बरक़रार रखे हुए है। हुसूल अराज़ी क़ानून राज्य सभा में ज़ेर-ए-इलतिवा है और मुम्किन है कि उसे ताज़ा तरमीमात के साथ जो ऐवान-ए-बाला में मंज़ूर की गई है, लोक सभा को वापिस भिजवाया जाये।

मुबय्यना तौर पर हुकूमत ने बी जे पी की चार तरमीमात को मंज़ूर करली हैं। हुकूमत जानती है कि क़ानून साज़ियों की मंज़ूरी बिशमोल बात चीत‌ बोर्ड आफ़ इंडिया (तरमीमी) बिल , पैंशनस फ़ंड बाक़ायदगी-ओ-तरक़्कियाती अथॉरीटी बिल और क़ानून हक़ मालूमात तरमीमी बिल की मंज़ूरी ज़रूरी है। मानसून इजलास 20 अगस्ट को ख़त्म होने वाला था लेकिन उसको 6 सितंबर तक तौसी दे दी गई और अब मज़ीद दो दिन की तौसी का इरादा है।