सुख राम कोमा में चले गए, वकील का दावा

नई दिल्ली, ०७ दिसम्बर (पी टी आई) साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर सुख राम जो 199 के टेलीकॉम स्क़ाम में जुर्म के मुर्तक़िब क़रार दिए जाने के बाद ख़ुद को तहत की अदालत के हवाले करने अहकाम वसूल कर चुके हैं, अचानक कोमा में चले गए हैं।

इन के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में आज ये इन्किशाफ़ किया जिस के बाद इस मुक़द्दमा की समाअत कल तक के लिए मुल्तवी करदी गई। सुख राम के वकील ने सी बी आई पर ख़ुसूसी जज धर्मेश शर्मा से कहा कि वो कोमा में चले गए हैं और उन्हें हॉस्पिटल के बाहर नहीं ले जाया सकता।

86 साला सुख राम को सुप्रीम कोर्ट ने गुज़श्ता रोज़ तहत की अदालत के सपुर्द करदेने का हुक्म दिया था लेकिन तिब्बी वजूहात बताते हुए उन्हों ने अहकाम पर तामील से गुरेज़ किया। इन के वकील ने कहा कि सुख राम दवाख़ाना में शरीक हैं जिन की कम्पयूटर के ज़रीया शोमू गिर इफ्फी की जा रही है।

सी बी आई जज शर्मा ने इस मुक़द्दमा की समाअत को कल तक के लिए मुल्तवी करदिया क्यों कि सी बी आई के मुताल्लिक़ा ख़ुसूसी जज संजीव जैन आज रुख़स्त पर थे। ख़ुसूसी जज शर्मा ने कहा कि दरख़ास्त गुज़ार/मुजरिम चूँकि कोमा में चला गया है और मुताल्लिक़ा इंचार्ज जज भी रुख़स्त पर हैं जो कल अपुन इजलास पर वापिस होंगे चुनांचे इस मुक़द्दमा की समाअत को कल तक मुल्तवी कर दिया जाए।

साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर-ए-मवासलात सुख राम की सेहत उमूमी एतबार से मुस्तहकम है, सिवाए इस के कि उन पर ग़नूदगी तारी है, जिस की वजह सोडियम की क़िल्लत ही। छत्रपति ग्रुप हॉस्पिटल के सरबराह डाक्टर संदीप ने कहा कि सुख राम के कोमा में जाने की इत्तिला ग़लत है, वो सिर्फ़ नक़ल-ओ-हरकत करने से क़ासिर हैं।

सुख राम को मेट्रो हार्ट इंस्टीटियूट में 31 दिसंबर 2011को शदीद सेना के दर्द की शिकायत पर शरीक किया गया था।