सुधीर कमीशन रिपोर्ट की आज चीफ़ मिनिस्टर केसीआर को पेशकशी

हैदराबाद 10 अगस्त:तेलंगाना में मुसलमानों की तालीमी, मआशी-ओ-समाजी पसमांदगी का जायज़ा लेते हुए मुख़्तलिफ़ शोबों में रिजर्वेशन की फ़राहमी की सिफ़ारिशात पेश करने हुकूमत तेलंगाना की तरफ़ से तशकील शूदा सुधीर कमीशन आफ़ इन्क्वारी चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव‌ से मुलाक़ात करते हुए अपनी रिपोर्ट पेश कर देगी।

रिटायर्ड आईएएस अफ़्सर टी सुधीर की क़ियादत में तशकील शूदा इस कमेटी के अरकान में मुहम्मद आमिर उल्लाह ख़ान, अबदुलशाबान और एम-ए बारी शामिल हैं। वाज़िह रहे कि चुनाव टीआरएस के सरबराह कलवा कनटला चंद्रशेखर राव‌ ने मुसलमानों से वादा किया था कि नई रियासत में उनकी पार्टी को इक़तिदार मिलने की सूरत में अंदरून चार माह 12 फ़ीसद रिजर्वेशन फ़राहम किए जाऐंगे। उनका ये वादा लेत-ओ-लाल का शिकार रहा। बादअज़ां न्यूज़ एडिटर सियासत आमिर अली ख़ां ने इस वादे की तकमील के लिए रियासती हुकूमत चीफ़ मिनिस्टर की तवज्जा मर्कूज़ करने के मक़सद से रियासत के तमाम 10 अज़ला में बड़े पैमाने पर दस्तख़ती मुहिम शुरू की थी जो तवक़्क़ुआत से कहीं ज़्यादा कामयाब रही। चुनांचे सुधीर कमीशन जो उस वक़्त तक दफ़्तर और दरकार इंफ्रास्ट्रक्चर से महरूमी के सबब एक बरा-ए-नाम इदारा थी, फ़ील-फ़ौर हरकत में आगया। उस वक़्त तक उस की मीयाद ख़त्म हो चुकी थी जिसके पेश-ए-नज़र चीफ़ मिनिस्टर के चंद्रशेखर राव‌ ने इस कमेटी को तफ़वीज़ करदा ज़िम्मेदारी की तकमील के लिए दरकार सहूलतें और इंफ्रास्ट्रक्चर की फ़राहमी के साथ मीयाद में दो मर्तबा तौसी की और आख़िरी मीयाद आइन्दा माह सितंबर में ख़त्म शुदणी है। बावर किया जाता है कि सुधीर कमीशन आफ़ इन्क्वारी ने जिसको एक दस्तूरी इदारे की हैसियत हासिल है, अपनी जामा रिपोर्ट में एतराफ़ किया है कि तेलंगाना के मुस्लमान तालीमी, मआशी और समाजी शोबों में पसमांदा हैं जिनकी तरक़्क़ी के लिए हुकूमत की ख़ुसूसी तवज्जा और सरकारी मुराआत दरकार हैं।

सुधीर कमीशन ने मुसलमानों को 12 फ़ीसद रिजर्वेशन देने के बारे में वाज़ा तौर पर कुछ ना कहते हुए ग़ालिबन उस का फ़ैसला टीआरएस हुकूमत और चीफ़ मिनिस्टर चंद्रशेखर राव‌ की मर्ज़ी पर छोड़ दिया है। सुधीर कमीशन के सरबराह और अरकान ने हालिया अरसा के दौरान ना सिर्फ रियासत के कई अज़ला का दौरा करते हुए मुसलमानों के हालात का शख़्सी तौर पर जायज़ा लिया बल्के अपने दफ़्तर में नुमाइंदा शख़्सियात से तबादला-ए-ख़्याल और मुशावरत के ज़रीये मुसलमानों में तालीम-ओ-रोज़गार, तिजारत और समाजी उमोर-ओ-मसाइल पर तफ़सीलात से वाक़फ़ीयत हासिल की और हक़ीक़ी सूरत-ए-हाल के बग़ौर मुशाहिदा के बाद ही जामा रिपोर्ट मुरत्तिब की गई है। तवक़्क़ो है कि 10 अगस्त चहारशंबा को इस रिपोर्ट की पेशकशी के बाद बाज़ाबत तौर पर हक़ायक़ और सिफ़ारिशात का इन्किशाफ़ हो जाएगीगा।