सुनंदा केस: डॉक्टर का दावा, हुकूमत बदलने के बाद दूसरी बार डाला गया दवाब

इल्ज़ाम-तराशी और नए खुलासे के बीच सुनंदा पुष्कर मौत का मामला गहराता ही जा रहा है। इस मामले में एम्स के डॉक्टर के दावे ने जांच में नया मोड़ दे दिया है।

एक अंग्रेजी अखबार में शाय खबर के मुताबिक सुनंदा का पोस्टमार्टम करने वाली टीम की कियादत कर चुके डॉक्टर सुधीर गुप्ता का दावा है कि हुकूमत बदलने के बाद सुनंदा की मौत को आम / मामूली बताने के लिए उन पर दूसरी बार दबाव डाला गया था।

एम्स फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के चीफ डॉ. सुधीर गुप्ता ने सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल को 13 मई को अपना पहला हलफनामा भेजा। उस वक्त के हेल्थ मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद को 6 मई और एम्स के डायरेक्टर डॉ. एमसी मिश्रा को 12 मई को दिए अपने प्रजेंटेशन में उन्होंने बताया था कि क्यों उनके साथी प्रमोशन के लायक नहीं हैं।

27 मई को सीवीसी को भेजे अपने खत में गुप्ता ने दावा किया कि उन्हें महकमा चीफ के ओहदा से बेदखल करने की कोशिश की जा रही है।

डॉक्टर ने अपने खत में कहा कि उन्हें हटाने की कोशिश तब से की जा रही है जब से उन्होंने सुनंदा पुश्कर और नीडो तानिया केस में एक ईमानदार और इख्लाक़ी स्टैंड लिया। नए हेल्थ मिनिस्टर और एम्स सदर डॉ. हर्षवर्धन को भेजे अपने खत में गुप्ता ने इन दोनों केसों का जिक्र किया है।

उधर हेल्थ मिनिस्टर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि पोस्टमार्टम को लेकर डॉ. सुधीर गुप्ता के सारे इल्ज़ाम गलत हैं। उन्होंने कहा कि हमें अब एम्स की रिपोर्ट मिल गई है, जिसमें कहा गया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ मुम्किन ही नही है। हर्षवर्धन ने कहा कि डॉ. सुधीर गुप्ता मुझसे अपने प्रमोशन के लिए मिलने आए हुए थे।