साबिक मरकज़ी वज़ीर शशि थरूर की बीवी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में बडा खुलासा हुआ है। सुनंदा कि लाश का पोस्टमार्टम करने वाले एम्स हॉस्पिटल के फॉरेंसिक महकमा और पैनल हेड डॉ सुधीर गुप्ता ने दावा किया है कि उन पर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट बदलने का दबाव था।
डॉ. सुधीर गुप्ता ने यह दावा सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल जमा कराए एक एफिडेविट में किया है। डॉक्टर गुप्ता ने इसमें कहा है कि साबिक हेल्थ मिनिस्टर और एम्स के सदर गुलाब नबी आजाद ने मामले को ढकने के लिए “अनप्रोफेशनल” हरकत करने के लिए दबाव बनाया था।
डॉ गुप्ता ने इसकी शिकायत सीवीसी से करने के साथ ही मिनिस्ट्री आफ हेल्थ को भी भेजी है। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, गुप्ता ने दावा किया है कि दो लीडर , साबिक मरकज़ी वज़ीर गुलाम नबी आजाद और शशि थरूर के दबाव की वजह से वह पोस्टमार्टम रिपोर्ट की सच्चााई नहीं बता पाए, क्योंकि एम्स के साबिक सदर और हेल्थ मिनिस्टर गुलाम नबी आजाद और सुनंदा पुष्कर के शौहर शशि थरूर दोनों ही मूशिर लीडर थे। उनके दबाव की वजह से वह सच्चााई सामने रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाए।
गौरतलब है कि इस साल 14 जनवरी, 2014 को उस वक्त के मरकज़ी वज़ीर शशि थरूर की बीवी सुनंदा पुष्कर को जुनूबी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में मुश्तबा हालत में मुर्दा पाया गया था। उनकी मौत पाकिस्तानी सहाफी मेहर तरार से सोशल साइट पर बहस के एक दिन बाद हुई थी।
बाद में मेहर तरार के शशि थरूर से मुबय्यना तौर पर ताल्लुकात को लेकर दोनो जोड़े के बीच टि्वटर मुतनाज़ा भी सामने आया था। शशि थरूर और सुनंदा पुष्कर दोनों की ही यह तीसरी शादी थी। टि्वटर मुतनाज़ा का पता उस वक्त चला था जब थरूर ने दावा किया था कि उनका टि्वटर अकाउंट हैक कर लिया गया है।
ज़राये के मुताबिक पोस्टमॉर्टम करने वाली फॉरेंसिक माहिरों की टीम के चीफ डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने हेल्थ मिनिस्टर को खत लिखकर शिकायत की है। उन्होंने लिखा है कि उन पर सीनीयर ओहदेदारो ने सुनंदा की मौत को आम मौत दिखाने के लिए दबाव डाला था। डॉक्टर गुप्ता का दावा है कि उन्होंने इस दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया था, इसलिए अब उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
डॉक्टर गुप्ता ने रिपोर्ट में लिखा था कि सुनंदा की मौत ड्रग पॉइजनिंग की वजह से हुई है, जो खुदकुशी या कत्ल दोनों का मामला हो सकता है। गुप्ता ने सबूत के तौर पर एम्स डायरेक्टर और शशि थरूर के बीच हुए ईमेल्स का ब्यौरा भी दिया है। गौरतलब बात यह है कि गुप्ता के इल्ज़ाम तब सामने आए हैं जब उन पर अदबी (Literary) चोरी और खिलाफवर्जी के इल्ज़ाम लगे हैं।
एम्स के ज़राये के मुताबिक अस्पताल की गवर्निंग बॉडी ने हाल ही में फॉरेंसिक्स डिपार्टमेंट के एक दिगर डॉक्टर को प्रमोट करने का फैसला किया है। डॉक्टर गुप्ता को लगता है कि उस डॉक्टर को उनकी जगह डिपार्टमेंट का हेड बनाया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने इस बारे में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्राइब्यूनल में भी शिकायत की है।