दिल्ली पुलिस के चीफ बी एस बस्सी ने आज कहा कि मरकज़ी वज़ीर शशि थरूर की बीवी सुनंदा पुष्कर की मौत की जांच जारी रहेगी हालांकि उन्होंने कहा कि इस मामले में कोई और रास्ता इख्तेयार करने की कोई वजह नहीं है और एक तरह से अभी इस मामले में एफआईआर की बात को खारिज कर दिया।
पुलिस कमिश्नर ने नामानिगारों से कहा कि, ‘‘अभी तक जमा किए गए सुबूत और गवाहों के बयान की बुनियाद पर किसी दूसरे रास्ते से आगे बढ़ने का कोई वजह नहीं है, इसलिए हम सीआरपीसी की दफा 174 के तहत जांच कर रहे हैं।’’
सुनंदा मामले की जांच सीआरपीसी की दफा 174 के तहत होने वाली जांच के मुताबिक के ज़ांच की जा रही है, जिसमें शादी के सात साल के अंदर खातून की मौत होने पर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट खातून की मौत की जांच करते हैं।
सुनंदा मामले में 21 जनवरी को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले के कत्ल या खुदकुशी के ज़वाए ( ऐंगल ) से जांच करने की हिदायत दिए थे जब अटोप्सी रिपोर्ट में मौत ‘अचानक और गैर मामूली’ वजुहात से हुई बताई गई जबकि मौत की वजह ज़हर बताया गया था।
अगर पुलिस को कुछ गलत लगता है तब वह इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर सकती है। तब तक जांच सीआरपीसी की दफा 174 के तहत जारी रहेगी।
पुलिस के मुताबिक , जांच करने वाले सीएफएसएल के विसरा रिपोर्ट को बुनियाद बना रहे हैं ताकि ज़हर की नुआइत के बारे में ठोस सुराग मिल सके और इसकी मिकदार का पता लगाया जा सके लेकिन रिपोर्ट ऐसा करने में नाकाम रही। विसरा रिपोर्ट में Drug toxicity की ओर इशरा किया गया है और इसकी रिपोर्ट एफआईआर दर्ज करने के लिहाज से मुकम्मल नहीं है।
जांच से जुड़े एक सीनीयर पुलिस आफीसर ने कहा कि , ‘‘सीएफएसएल रिपोर्ट से जांच को आगे बढ़ाने में कोई सिम्त नहीं मिल सकी है। इसमें toxicity को खारिज करते हुए Drug toxicity की ओर इशारा दिया गया है’’
जांच करने वालों ने अब एम्स के डाक्टरों की टीम की राय लेंगे जिन्होंने अटोप्सी की थी। एसडीएम को भी सीएफएसएल रिपोर्ट के बारे में इत्तेला दे दी गयी है।