आप्रेशन ब्लू स्टार की 28 वीं सालगिरा कल अकाल तख्त (Akal Takht,) में मनाई गई, जो सिखों का सब से बड़ा मज़हबी इदारा (मज़हबी संस्था) है। इन अफ़राद को यादगार के तौर पर जो इस फ़ौजी कार्रवाई आप्रेशन ब्लू स्टार में हलाक हुए (मारे गये) थे, एक एक ईंट रखी थी।
ये फ़ौजी कार्रवाई 1984 में की गई थी ताकि सिख अस्करीयत पसंदों को जो अपने लीडर जरनैल सिंह भिंडरां वाले (Jarnail Singh Bhindranwale)के साथ सुनहरे गुरुद्वारा में रुपोश थे और उन के साथ ही हलाक भी कर दिए गए। 1984 के वस्त में सुनहरे गुरुद्वारा जरनैल सिंह भिंडरां वाले का हेडक्वार्टर्स बन गया था, जिन्होंने पूरे पंजाब में दहशत फैला रखी थी और सिखों के इंतिहाई मुक़द्दस मुक़ाम में रुपोश होकर अपनी कार्यवाहीयां चला रहे थे।
वो और उनके चेले दस्ती बम, ख़ुदकार (अपने हांथो से बनायी) राइफ़लें और मशीन गनें सुनहरे गुरुद्वारा की इमारत में ज़ख़ीरा (जमा/ store) कर रहे थे। ख़ालिस्तान हामी अस्करीयत पसंदों को सुनहरे गुरुद्वारा से निकाल बाहर करने इंदिरा गांधी हुकूमत ने 1984में फ़ौजी कार्रवाई का हुक्म दिया था।