‘सुनहरे भविष्य के लिए प्रकृति, संस्कृति और वास्तुकला का संरक्षण करें’: उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु ने कहा है कि जनहित में काम कर रहे संगठनों के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही मार्गदर्शी सिद्धांत होना चाहिए। वे आज 164वें केंद्रीय लोक निर्माण विभाग दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर पर्यटन राज्यमंत्री अलफोंस कन्नाथनम और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि शहरी विकास और हमारे शहरों में किसी तरह के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले सीपीडब्ल्यूडी को अपना कार्य करते समय प्रकृति का ख्याल रखना चाहिए और उसका कार्य-व्यवहार पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी को और अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाओं के लिए ईमानदार कोशिश करनी चाहिए और राष्ट्र के विकास में अपनी भूमिका निभाना जारी रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए प्रकृति, संस्कृति और वास्तुकला का संरक्षण करना होगा।

उपराष्ट्रपति ने यह कहते हुए कि भारत में शहरी पुनर्जागरण हो रहा है, यह बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुधार कार्यक्रमों की वजह से देश में हो रहे बदलाव से पूरा विश्व प्रभावित है। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में हम सबके लिए संतोष का विषय है कि आज भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।

उपराष्ट्रपति ने सौर ऊर्जा जैसे प्राकृतिक ऊर्जा स्रोतों के इस्तेमाल की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि सभी भवनों में वर्षा जल संचयन की सुविधा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन एक सच्चाई है और हमें इसके प्रभाव के बारे सजग रहना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि इंजीनियरिंग संगठन होने के नाते सीपीडब्ल्यूडी को देश के आर्थिक विकास में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में नवाचार और आधुनिकीकरण पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं को सही समय पर पूरा करना सबसे अहम पहलू है। उन्होंने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी को नवाचार में लगातार लगे रहना होगा और अपने कार्य पद्धति में सुधार करते हुए अपनी गतिविधियों में एक विश्वसनीय मार्गदर्शक बनना होगा।

उपराष्ट्रपति ने सीपीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों को नए दौरे के साथ कदम से कदम मिलाते हुए सीपीडब्ल्यूडी को एक बेहतर और काफी सक्षम संगठन बनाने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी, बेहतर कार्य प्रणाली और प्रबंधन के साधन अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि सफलता कठिन मेहनत, अनुशासन, सही रणनीति और योजना अपनाने से मिल सकती है। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के साथ कभी समझौता नहीं करना चाहिए और अपने ग्राहकों की उम्मीदों पर हमेशा खरा उतरने की कोशिश करनी चाहिए।