देवास: बहुचर्चित सुनील जोशी हत्याकांड में आज एडीजे राजीव एम आप्टे ने साध्वी प्रज्ञा सहित सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया. 29 दिसंबर2007 को मध्य प्रदेश स्थित देवास में उनकी हत्या कर दी गई थी.
वन इंडिया के अनुसार, मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर, हर्षद सोलंकी, वासुदेव परमार, आनंद राज कटारिया और राम पटेल को अभियुक्त बनाया था. हालांकि, जांच के दौरान एजेंसी को अभियुक्तों के बारे में कुछ पता नहीं चला.
उल्लेखनीय है कि 2008 मालेगांव ब्लास्ट की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने अदालत में कहा था कि अगर सुनील जोशी के हत्या मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं होगी.
NIA की तरफ अदालत में सॉलिसिटर जनरल सिंह ने कहा था कि मामले में महाराष्ट्र एटीएस ने आरोपियों के अन्य विस्फोटों में शामिल होने और संगठित अपराध समूह का हिस्सा होने के आधार पर मकोका लागू किया था.
चार्टशीट फाइल होने के बाद केस एनआईए की विशेष कोर्ट भोपाल ट्रांसफर किया गया था लेकिन बाद में भोपाल कोर्ट ने इस मामले को यह कहकर वापस देवास ट्रांसफर कर दिया था की यह केस एक साधारण हत्या का केस है और एनआईए के शेड्यूल्ड अफेंस इसमें नहीं है.