राइट टू प्राइवेसी यानी निजता के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि आम लोगों की जिंदगी में सरकार दखल नहीं दे सकती है।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट की नौ न्यायाधीशों प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर, न्यायमूर्ति जे. चेलामेश्वर, न्यायमूर्ति एस. ए. बोबडे, न्यायमूर्ति आर. के. अग्रवाल, न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर वाली संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया।