सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर सियासी पार्टीयों का मुहतात रद्द-ए-अमल

सी पी आई (ऐम) की जानिब से मुख़ालिफ़त, मायावती की तरफ‌ से खैरमक़दम

सियासी पार्टीयों ने शहरीयों को तमाम उम्मीदवारों को करने के हक़ के बारे में फ़ैसले पर मुहतात रद्द-ए-अमल ज़ाहिर किया। सी पी आई (ऐम) ने कहा कि फ़ैसले के नतीजे में ग़ैरमामूली सूरत-ए-हाल पैदा होचुकी है जिसकी इस्लाह ज़रूरी है। जनरल सेक्रेटरी कांग्रेस अजय‌ माकन ने फ़ैसले का मुताला करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने मनफ़ी राय दही के तमाम पहलूओं का जायज़ा लिया है। ताहम उन्होंने कहा कि कोई तबसरा करना क़बल अज़वक़्त होगा।

कांग्रेस के एक और लीडर राशिद अलवी ने एहसास ज़ाहिर किया कि फ़ैसले का नफ़ाज़ मुश्किल होगा और इस पर अमल आवरी से कई मसाइल पैदा होंगे। नायाब सदर बी जे पी मुख़तार अब्बास नक़वी ने कहा कि बी जे पी इंतेख़ाबी इस्लाहात की ताईद करती है। लेकिन ये फ़ैसला दुरुस्त है या ग़लत अभी कुछ कहना क़बल अज़वक़्त होगा। सी पी आई (ऐम) क़ाइद सीताराम यचोरी ने फ़ैसले की पुरज़ोर मुख़ालिफ़त करते हुए कहा कि ये ग़ैरमामूली सूरत-ए-हाल है जिसकी इस्लाह ज़रूरी है। साबिक़ स्पीकर लोक सभा सोमनाथ चटर्जी ने फ़ैसले की मुख़ालिफ़त की। ताहम बी एस पी की सरबराह मायावती ने फ़ैसले का खैरमक़दम करते हुए कहा कि बाबा साहिब अंबेडकर भी खारिज‌ करने के हक़ की ताईद में थे।

सुप्रीम कोर्ट ने एक तारीख़ साज़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा है कि तमाम शहरीयों को इंतेख़ाबात में हिस्सा लेने वाले तमाम उम्मीदवारों को खारिज‌ करने का हक़ हासिल है। राशिद अलवी ने कहा कि वो अदालत के फ़ैसले का एहतेराम करते हैं लेकिन इस से कई मसाइल पैदा होंगे। बी जे पी के तर्जुमान मीनाक्षी ने कहा कि हम ऐसे किसी भी इक़दाम का खैरमक़दम करेंगे जिस के ज़रीये निज़ाम मुस्तहकम होता हो। तमाम इदारों को अपनी साख बरक़रार रखना चाहीए और अगर सियासी निज़ाम अपनी साख बरक़रार ना रखे तो दीगर इदारे ग़ालिब आजाते हैं। उन्होंने कहा कि इस में दो राय नहीं है कि कोई भी पार्टी इस पर अमल आवरी का इंतेख़ाब कर सकती है बसूरत-ए-दीगर अदालत को मुदाख़िलत करना पड़ेगा।