नई दिल्ली, 07 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने हफ्ते के दिन देर शाम उन 8 लोगों की फांसी पर चार हफ्तों के लिए रोक लगा दी जिनकी रहम की दरखास्त सदर जम्हुरी प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दी थी।
इन लोगों में सोनिया और उसके शौहर संजीव, गुरमीत सिंह, प्रवीण कुमार, सुंदर सिंह, जाफर अली, सुरेश और रामजी शामिल हैं। इन लोगों की फांसी पर रोक के लिए ‘पीपुल्स यूनियन डेमोक्रेटिक राइट्स’ नामी एनजीओ ने हाइ कोर्ट में दरखास्त दायर की थी।
दरखास्त पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि इस दरखास्त पर क्या यह गौर किया गया कि इनके घर वालो को फांसी की सजा के बारे में पूरी इत्तेला दी गई है?
बेंच ने कहा कि एक बार फिर से अफगल गुरू मामले की गलती नहीं दोहरायी जानी चाहिए। अफजल गुरू को फांसी पर लटका दिए जाने के बाद उनके घर वालों को इत्तेला दी गई थी।
सुनवाई के दौरान वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने 18 फरवरी को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर की सदारत वाली उस बेंच का मिसाल दिया जिसने चंदन तस्कर वीरप्पन के 4 साथियों की फांसी पर रोक लगा दी थी।
वीरप्पन के साथियों की फांसी पर रोक का मुद्दा यह था कि सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फांसी की सजा देने के बावजूद रहम की दरखास्त कई सालों तक ज़ेर ए गौर ( Pending) रखी गई।