सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को झाड़: अब और कहा बहाने नहीं चलेंगे, जल्द बताए कब लागू होगा लोकपाल

नई दिल्ली: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई कर को केंद्र सरकार से सवाल किया है कि केंद्र सरकार कह रही है कि वह अपने राज में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना चाहती है तो 2 साल से भ्रष्टाचार पर निगरानी रखने वाले लोकपाल पर काम क्यों नहीं कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर के नेतृत्व वाली खंडपीठ का कहना है कि वह लोकपाल को ‘बेजान शब्द’ या ‘बेकाम की चीज’ बनकर नहीं रह जाने देगी चाहे केंद्र सरकार चाहे या न चाहे। इस पर काम करना चाहिए। २ सालों में केंद्र सरकार इस पर काम न करने के बहाने बना रही है। सरकार कहती है कि लोकसभा में विपक्ष के नेता न होने के कारण लोकपाल का चयन नहीं हो पा रहा है। खंडपीठ ने भारत के एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी से मांग की है कि वह लोकपाल नियुक्त करने के लिए एक निश्चित वक़्त बताये। उनका कहना है कि क्या सरकार ये ठीक लगता है कि 2014 में लोकपाल बिल पास होने के बावजूद अब तक लोकपाल की नियुक्ति क्यों नहीं की गई।

अगर सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन को लेकर इतनी चिंतित हैं तो पिछले २ साल में लोकपाल पर अमल क्यों नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने एटार्नी जनरल को लताड़ लगाते हुए कहा कि अगर आपको कोई इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए कोई आदेश देते हैं तो आपको इसका स्वागत करना चाहिए। वहीँ एटार्नी जनरल रोहतगी ने अदालत को जवाब देते हुए कहा कि कानून बनाना संसद का काम है और वो लोकपाल की नियुक्ति के लिये कोई तय वक़्त नहीं बता सकते। जिसपर कोर्ट ने उन्हें किसी सक्षम अधिकारी से इस बारे में निर्देश लेकर अदालत को सात दिसंबर तक जवाब देने के लिए कहा है।