नूपूर तलवार और इन के शौहर राजेश तलवार को आरूशी हेमराज दोहरे क़त्ल मुआमला में मुक़द्दमा का सामना करना पड़ेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आज उन को कोई राहत देने से इनकार कर दिया।
जस्टिस ए के पटनायक और जस्टिस जगदीश सिंह ख़ैर पर मुश्तमिल (शामिल) एक बंच ने आरूशी की माँ नूपूर की तरफ़ से दाख़िल नज़र ए सानी ( पुन: विचार) की उज़्रदारी (अपने अधिकार की सुरक्षा लिए किसी दूसरे के खिलाफ प्रार्थना करना) ख़ारिज कर दी जिसमें अदालत अज़मी से इसके पहले के हुक्म पर जिस में उन्हें और उन के शौहर को मुक़द्दमा का सामना करने की हिदायत की गई थी, नज़र ए सानी (पुन: विचार) करने की दरख़ास्त की गई थी।
डी पी एस (नोएडा) की नौवीं दर्जा की 14 साला तालिबा आरूशी 15 मई 2008 को अपने नोएडा में वाक़्य ( मौजूद) मकान पर मुर्दा पाई गई थी उसे बेरहमी से क़त्ल कर दिया गया था। इसके अगले रोज़ घरेलू नौकर हेमराज की लाश फ़्लैट की छत से बरामद हुई थी।
सी बी आई स्पेशल जज ग़ाज़ीयाबाद ने इस दोहरे क़त्ल मुआमला में दाख़िल की गई केस बंद करने की रिपोर्ट मुस्तर्द कर दी थी और आरूशी के वालदैन के ख़िलाफ़ दोहरे क़त्ल मुआमला में मुक़द्दमा चलाने का हुक्म जारी किया था।