सुप्रीम कोर्ट ने आज जेल में बंद सहारा ग्रुप के सरबराह सुब्रता राय को ज़मानत मंज़ूर करने से इनकार करदिया। उन्होंने 40 दिन के लिए ज़मानत की दरख़ास्त की थी ताकि वो अपनी कंपनी की मलकीत तीन बैरूनी होटलों के इमकानी खरीदारों से बात करसकें।
अदालत ने चौथी मर्तबा भी उन की दरख़ास्त ज़मानत को रद करदिया ताहम अपने ग्रुप के समुंद्र पार मौजूद असासा जात की फ़रोख़त, मुंतक़ली या दीगर उमूर के लिए वीडीयो कॉन्फ्रेंस के ज़रीया मुज़ाकरात मुनाक़िद करने की इजाज़त दे दी। इस तरह तए पाने वाली मुआमलतों से मिलने वाली रक़ूमात को सीकोरीटीज़ ऐंड एकचसीनज बोर्ड आफ़ इंडिया (सेबी) को ज़ाइद अज़ 37,000 करोड़ रुपय की वाजिब अलादा अदायगीयों के ज़िमन में इस्तिमाल किया जा सकता है।
आप को ज़ेर तहवील रखते हुए किसी गेस्ट हाज़ तक ले जाया जा सकता है। आप 6 घंटे तक वहां रह कर वापिस होजाएंगे। अगर आप को समुंद्र पार मौजूद फ़रीक़ों के साथ मुज़ाकरात केलिए वीडीयो कॉन्फ्रेंस दरकार हो तो हम इस का भी इंतिज़ामात करसकते हैं जज टी ऐस ठाकुर ने ये बात कही। अदालत ज़मानत की दीगर शराइत में तबदीली से इनकार कर दिया और पेरोल की दरख़ास्त भी मुस्तर्द करदी जो सहारा ग्रुप ने अपनी अर्ज़ियों के ज़रीया चाही थी। सहारा ग्रुप के तीन होटल्स ड्रीम डान टॉन और दी प्लाज़ा वाके न्यूयॉर्क और गरोज़ विनर हॉउस वाके लंदन को फ़रोख़त करते हुए दस हज़ार करोड़ रुपए जमा करने का मंसूबा है ताकि सुब्रता राय की ज़मानत की तकमील होसके।